कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष गणेश गोदियाल ने की प्रेस वार्ता, बोले-दुनिया बदलती है, बदलने वाला चाहिए
देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं लोकसभा चुनाव पौड़ी सीट से प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने पत्रकारवार्ता कर जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा कि अगर 400 पार की हवा न बनती तो उत्तराखंड की फिजा कुछ और होती। हमारे प्रचार की पहुंच शहरी इलाकों में रही, लेकिन गांवों में हम बहुत पीछे थे। वहां टीवी का असर रहा। हमारी पहुंच सोशल मीडिया में ही थी। दुनिया बदलती है, बदलने वाला चाहिए।
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बुधवार को गणेश गोदियाल ने कहा कि हमने हार को जनता के आदेश के रूप में स्वीकार किया है। उन्होंने गढ़वाल लोकसभा के सभी मतदाताओं का आभार जताया। कांग्रेस के हर नेता, कार्यकर्ता का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह गढ़वाल लोकसभा के मतदाताओं ने मुझे आशीर्वाद दिया, ये मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी पूंजी है। उनकी इस ताकत को हमेशा सहेजकर रखूंगा। इस ताकत को संघर्ष के मैदान में उपयोग करके उनके हक की लड़ाई लड़ूंगा।
कांग्रेस के कुछ पुराने नेताओं ने भी अंदरखाने बीजेपी को मदद की
गणेश गोदियाल ने कहा कि मैं गढ़वाल लोकसभा के इतर राज्य की पांचों लोकसभा की जनता को समर्थन देने के लिए आभार। हमारी कुछ कमियां रह गई, जिन्हें हम पूरा करेंगे। आंकड़ों की बात करें तो 2019 के मुकाबले हमने इस बार गढ़वाल लोकसभा में अंतर कम किया है। वो उन हालात में जबकि भाजपा ने विधायकों, नेताओं को डराकर अपनी ताकत के बल पर अपनी पार्टी में शामिल करा लिया। कांग्रेस के कुछ पुराने नेताओं ने भी अंदरखाने बीजेपी को मदद की है। बावजूद इसके मैं अपनी जीत महसूस करता हूं।
हमारी बेटियों के साथ हुए अन्याय के मुद्दे पर हम चुनाव लड़ रहे थे। हरियाणा में बेटियों का मुद्दा बन सकता है, भाजपा पांच सीटें गवां सकती है। इस बात को हमारे स्तर पर सोचना होगा कि उत्तराखंड की बेटी अंकिता के साथ हुआ अन्याय मुद्दा नहीं बन पाया। हम कहां चूक गए, कि लोगों ने इस मुद्दे पर गौर नहीं किया। पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र में अग्निपथ योजना मुद्दा बन सकता है तो उत्तराखंड में ये मुद्दा क्यों नहीं बन पाया, ये हमारे और मतदाताओं के लिए मनन का विषय है। कहा कि अंकिता भंडारी, अग्निवीर, बेरोजगारी, पेपर लीक पर हमें एक होना चाहिए था। इससे प्रतीत होता है कि हम विचारों से लपेटे हुए हैं। मैं सभी से आह्वान करता हूं कि वह इन पर गौर करें।