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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण शुल्क छूट की समय सीमा बढ़ाई गई, अब तक हो चुके 3,62,119 रजिस्ट्रेशन

By on August 14, 2025 0 64 Views

देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद शादीशुदा जोड़े बढ़ चढ़कर अपना मैरिज रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं. इसके अलावा जमीन जायदाद, लिव-इन रिलेशन जैसे मामलों में भी लोग आगे आकर अपनी मौजूदगी दर्ज भी करवा रहे हैं. जो लोग अभी तक अपना मैरिज रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं, उनके लिए सरकार ने राहत दी है. सरकार ने यूसीसी के तहत निशुल्क मैरिज रजिस्ट्रेशन की समय सीमा 26 जनवरी 2026 तक बढ़ा दी है.

दरअसल, उत्तराखंड समान नागरिक संहिता के अंतर्गत निशुल्क विवाह पंजीकरण (मैरिज रजिस्ट्रेशन) शुल्क में छूट सीमा को और ज्यादा बढ़ा दिया गया है. पंजीकरण के लिए 250 रुपए शुल्क की छूट की समय सीमा को 26 जनवरी 2026 तक बढ़ाया गया है. यानी अगले साल गणतंत्र दिवस तक निशुल्क विवाह पंजीकरण करवा सकेंगे. यूसीसी के तहत विवाह पंजीकरण के लिए लोगों की सहभागिता को और ज्यादा प्रोत्साहित किया जा सके, इसे देखते हुए शासन की ओर से जनहित में यह निर्णय लिया गया है.

क्यों बढ़ाई गई तिथिविवाह पंजीकरण के शुल्क के छूट के बारे में गृह विभाग की ओर से आज एक अधिसूचना जारी की गई. जिसमें कहा गया है कि समान नागरिक संहिता नियमावली के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति जिनका विवाह यूसीसी लागू होने से पहले पंजीकृत या तलाक की डिक्री घोषित हुई हो या फिर विवाह निरस्त हुआ हो या ऐसे नागरिक जिनका विवाह इस संहिता के लागू होने से पहले हुआ हो, लेकिन विवाह पंजीकरण नहीं हुआ हो, ऐसे मामलों में विवाह पंजीकरण के लिए शुल्क की छूट की अवधि बढ़ाई जा रही है.

इसके साथ ही कहा गया है कि अधिसूचना 6 जून 2025 की ओर से निर्धारित पंजीकरण शुल्क 250 रुपए की छूट की समय सीमा को बढ़ाया जा रहा है. जिसके तहत कहा गया है कि विवाह पंजीकरण के लिए नागरिकों की सहभागिता को और ज्यादा प्रोत्साहित किए जाने के मकसद से 26 जनवरी 2026 तक के लिए बढ़ा दी गई है. नागरिकों पर सीएससी केंद्रों से सेवा लिए जाने पर 50 रुपए (जीएसटी सहित) शुल्क पूर्ववत लागू रहेगा.

अब तक कितने लोगों ने करवाया रजिस्ट्रेशन? बता दें कि बीती 27 जनवरी 2025 से उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो चुकी है. अभी तक विवाह के लिए 3,62,119 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. जबकि, 255 तलाक के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. लिव इन रिलेशनशिप की बात करें तो अभी तक 50 लोग पंजीकरण करवा चुके हैं. जबकि, अपने उत्तराधिकारी के लिए भी 10 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. वहीं, अपनी वसीयत के लिए रजिस्ट्रेशन करने वालों की संख्या भी 255 तक पहुंच गई है.