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उत्तराखंड: चर्चाओं में अपर सचिव ओमकार सिंह का कार्यमुक्ति पत्र, शासन में शुरू हुई कयासबाजी

By on November 3, 2024 0 434 Views

देहरादूनः उत्तराखंड शासन में अपर सचिव के तौर पर समाज कल्याण विभाग देख रहे ओमकार सिंह ने खुद को इस विभाग से हटाए जाने का पत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को लिखा है. हालांकि उन्होंने इसके लिए स्वास्थ्य कारणों को वजह बताया है. लेकिन चिट्ठी सामने आने के बाद से ही उनको लेकर कई तरह की चर्चा सामने आ रही है. जिसमें विभागीय स्तर पर उनकी नाराजगी का होना भी शामिल है.

सचिवालय में अपर सचिव स्तर के अधिकारी की एक चिट्ठी चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल अपर सचिव ओमकार सिंह ने खुद को समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव की जिम्मेदारी से हटाए जाने की गुजारिश की है. बड़ी बात यह है कि उन्होंने इसके लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को भी पत्र लिख दिया है. अपर सचिव ओमकार सिंह ने अपने पत्र में मुख्य सचिव से खुद को समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी से हटाने के लिए कहा है. साथ ही इसके पीछे अपने खराब स्वास्थ्य को वजह बताया है. ओमकार सिंह ने लिखा है कि उन्हें समाज कल्याण के अपर सचिव की जिम्मेदारी से हटा लिया जाए और खराब स्वास्थ्य स्थिति होने के कारण बाध्य प्रतीक्षा में रखा जाए.

अपर सचिव ओमकार सिंह को समाज कल्याण विभाग में जनजाति से जुड़ी जिम्मेदारी दी गई है. माना यह जा रहा है कि विभाग में किसी नाराजगी को लेकर वह समाज कल्याण विभाग से हटना चाहते हैं. ईटीवी भारत ने भी इस मामले में अपर सचिव ओमकार सिंह से बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नंबर स्विच ऑफ होने के कारण उनसे बात नहीं हो पाई.

अपर सचिव ओमकार सिंह सचिवालय सेवा के अधिकारी है और लंबे समय तक उन्होंने गोपन विभाग समेत दूसरे तमाम महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी भी देखी है. ओमकार सिंह को शासन में उन जानकार अधिकारियों में से गिना जाता है जिन्होंने उत्तर प्रदेश में भी विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी संभाली है. हालांकि पिछले कुछ समय में उनके स्वास्थ्य खराब होने की बात सामने आई थी लेकिन इसके बाद वह स्वस्थ होकर अपने काम पर लौट आए थे. इस बीच उनका मुख्य सचिव को लिखा गया पत्र चर्चाओं में आ गया है.

बताया जा रहा है कि ओमकार सिंह ने समाज कल्याण विभाग हटाए जाने को लेकर कुछ दूसरे बड़े अधिकारियों से भी गुजारिश की थी लेकिन जब उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उन्होंने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अपना पत्र भेज कर जिम्मेदारी से अवमुक्त करने का आवेदन किया है.