Breaking News
  • Home
  • उत्तराखण्ड
  • दागी अफसर पर किसकी मेहर ? गंभीर आरोपों के बाद भी मिल रही प्राइम पोस्टिंग !

दागी अफसर पर किसकी मेहर ? गंभीर आरोपों के बाद भी मिल रही प्राइम पोस्टिंग !

By on January 14, 2022 0 181 Views

देहरादून: चुनावी बेला आने से पहले मंत्रियों ने दागी अफसरों पर जमकर मेहर बरसाई। इतना ही नहीं, तमाम गंभीर आरोपों के बाद भी उन्हें प्राइम पोस्टिंग दे दी गई। दो अफसर तो मलाईदार ओहदों पर काबिज हैं तो एक अफसर की पोस्टिंग की चुनाव आयोग ने बलि ले ली। निवर्तमान सरकार के कुछ मंत्रियों ने जमकर मनमानी की। दागी अफसरों को प्राइम पोस्टिंग दिलवाई गई। पहले बात गन्ना विभाग की। इस विभाग के एक अफसर आरके सेठ पर गंभीर आरोप हैं। ऑडिट में करोड़ों की गड़बड़ी पकड़ी गई। इस अफसर विभागीय मंत्री इस कदर मेहरबान हुए कि फाइल पर प्राइम पोस्टिंग देने को लिख दिया। विभागीय सचिव ने इस आदेश को नहीं माना और अफसर को निलंबित कर दिया। लेकिन मंत्री जी कहां मानने वाले थे। आनन-फानन में सचिव को बदलवाया और नए सचिव ने रिटायर होने से पहले मंत्री की मंशा को पूरा करते हुए सेठ को मलाईदार पद दे दिया।

इसी तरह का मामला आयुष विभाग में हुआ। विजिलेंस जांच के चलते मृत्युंजय मिश्रा लगभग दो साल तक जेल में रहे। जमानत पर बाहर निकले तो जुगाड़ लगाई और पुराने पद आयुष विवि में कुलसचिव पद पर पोस्टिंग पा गए। कुलपति ने इसके विरोध में शासन को खत लिखा। विजिलेंस ने भी शासन को लिखा कि जांच के गवाह इसी विवि के हैं। ऐसे में निचले अधिकारी अपने बॉस मिश्रा के खिलाफ कैसे गवाही दे सकते हैं। लेकिन कुछ नहीं किया गया। साथ ही मिश्रा को और राहत देते हुए उन्हें मूल विभाग में भेजने का आदेश भी शासन स्तर से निरस्त कर दिया गया।

चुनाव आचार संहिता लागू होने से एक रोज पहले यानि सात जनवरी तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव ने एक विवादित अफसर प्रो. कुंवर सिंह बैसला को विपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिकी विवि में कुलसचिव के पद पर तैनाती दे दी। इस अफसर पर गड़बड़ियों के गंभीर आरोप हैं। भला हो चुनाव आयोग का जिसने एक शिकायत को गंभीरता से लिया और इस आदेश को बैकडेट में किया गया बताते हुए तैनाती निरस्त करने को कहा।