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BJP का गढ़ रही डीडीहाट सीट, इस बार मुकाबला रोचक रहेगा, क्या बदलेगा इतिहास

By on February 18, 2022 0 213 Views

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में डीडीहाट विधानसभा सीट पर इस बार भी त्रिकोणीय संघर्ष नजर आ रहा है. इस सीट पर बीजेपी के कद्दावर नेता और वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल पिछले 20 सालों से काबिज हैं, लेकिन हर बार त्रिकोणीय मुकाबला चुफाल के लिए फायदे का सौदा साबित होता आया है. इस बार भी इस सीट का चुनावी समीकरण कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है.

2002 में हुए पहले विधानसभा चुनावों में डीडीहाट सीट पर कांग्रेस, बीजेपी और क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल के बीच मुकाबला रहा. उस वक्त डीडीहाट सीट पर यूकेडी काफी मजबूत स्थिति में हुआ करती थी. इस त्रिकोणीय चुनाव में बाजी बीजेपी के बिशन सिंह चुफाल के हाथ लगी. 2007 में स्थिति 2002 की तरह ही रही और फिर चुनाव में बीजेपी को जीत मिली. 2012 के विधानसभा चुनावों में यूकेडी की ताकत तो काफी कम हो चुकी थी, लेकिन इस बार बीजेपी के बागी जगजीवन कन्याल ने त्रिकोणीय मुकाबला बनाया. बसपा से लड़कर कन्याल को 2012 के चुनावों में 12 हजार से अधिक वोट मिले.

2017 के विधानसभा चुनावों में डीडीहाट सीट पर सबसे कड़ा मुकाबला देखने को मिला. बीते चुनाव को रोचक बनाने में बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय ताल ठोकने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष किशन भंडारी ने अहम भूमिका निभाई. इस चुनाव में जीत भले ही फिर चुफाल को मिली हो, लेकिन उन्हें निर्दलीय और कांग्रेस उम्मीदवार ने कड़ी चुनौती दी. इस चुनाव में बीजेपी के बिशन सिंह चुफाल को 17 हजार 3 सौ 92 वोट मिले तो, निर्दलीय किशन भंडारी को 15 हजार 24 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रदीप पाल 14 हजार 4 सौ 70 वोट लेकर तीसरे नम्बर पर रहे.

इस बार भी डीडीहाट सीट पर 2017 जैसा ही रोचक मुकाबला दिख सकता है. बीते चुनाव को रोचक बनाने वाले तीनों उम्मीदवारों ने पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ा है. कैबिनेट मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार बिशन सिंह चुफाल का तो दावा है कि इस बार वे बीते चुनाव से तीन गुना अधिक अंतर की जीत दर्ज करेंगे, जबकि कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार प्रदीप पाल और किशन भंडारी का दावा है कि इस बार उनकी जीत होगी, क्यूंकि 2017 के बाद वे दोनों ही डीडीहाट की जनता के बीच रहे हैं.