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जयंती पर याद किये गए हीरा सिंह राणा…….

By on September 16, 2022 0 338 Views

रामनगर।कुमाउनी के प्रतिष्ठित कवि ,गायक हीरा सिंह राणा को आज उनकी 80 वीं जयंती पर राजकीय इंटर कालेज ढेला में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम सेबऑनलाइन याद किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अंग्रेजी प्रवक्ता नवेन्दु मठपाल ने श्री राणा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया,हीरा सिंह राणा का जन्म मनीला के डढूली गांव में 16 सितंबर 1942 को मोहन सिंह और नारंगी देवी के घर में हुआ. हीरा सिंह राणा उत्तराखंड के उन कलाकारों में से हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन उत्तराखंड की लोक संस्कृति को समर्पित किया.


हीरा सिंह राणा ने 70 के दशक में हीरा सिंह राणा ने कालजयी गीतों से अपनी पहचान बनाई. देश विदेश में विभिन्न मंचों तक उत्तराखंड की लोक संस्कृति को पहुंचाया. 1987 में प्यूली व बुराशं नाम से उनका कविता संग्रह प्रकाशित हुआ. उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान उनके जनगीत लस्का कमर बॉदा हिम्मत क साथा, भोल फिर उजियाली होली कालै रैली राता ने राज्य आंदोलन में एक नई ऊर्जा का संचार किया.प्रवक्ता सी पी खाती ने कहा हीरा सिंह राणा के गीतों में पहाड़ बसता है. कहीं गीतों में पहाड़ पर पड़ने वाली धूप से उपजा श्रृंगार है तो कहीं बंजर पड़े पहाड़ की पीड़ा है. उत्तराखंड राज्य बनने के बाद चली लूस-खसोट और खोखले विकास पर दुःख और टीस उनके गीतों में सहज दिखती है. हीरा सिंह राणा के जन्मदिन पर आज उनके गीत की यह पंक्ति खूब याद आती है-
कैक तरक्की कैक विकास
हर आँखा में आंस ही आंस
जे.ई कैजां बिल के पास
ए.ई मारूँ पैसों गास
अटैच्यू में भौरो पहाड़…
यानी किसकी तरक्की किसका विकास, हर आंख में बस उम्मीद ही उम्मीद है, जेई बिल पास करता है और एई पैसों का गास कहता है अटैची में भरा हुआ है पहाड़. शिक्षक बालकृष्ण चन्द ने बताया किहिरदा के कुमाउंनी गीतों की एलबम रंगीली बिंदी, रंगदार मुखड़ी, सौ मनों की चोरा, ढाई बीसी बरस हाई कमाला, आहा रे जमाना खासी लोकप्रिय हुई। आकाशवाणी नजीबाबाद, लखनऊ व दिल्ली से भी उनके गीत प्रसारित हुए। उनका बहुत प्रसिद्ध गीत रंगीली बिंदी, घाघरी काई.., के संध्या झुली रे.., मेरी मानिला डानी.., लस्का कमर बांधा को खूब सराहा गया।कला शिक्षक प्रदीप शर्मा द्वारा राणा का शानदार,भव्य चित्र ब्लैक बोर्ड पर उकेरने के साथ साथ उनकी कविता लस्का कमर बांधा को भी चित्र के साथ उकेरा गया।बच्चों की टीम उज्यावक दगडी के ज्योति फर्त्याल,प्राची बंगारी,आकांक्षा सुंदरियाल,हिमानी बंगारी,खुशी बिष्ट,कोमल सत्यवली ने ऑनलाइन ही लस्का कमर बांधा का ढपली के साथ सस्वर गायन प्रस्तुत किया।ग्याहरवीं की सानिया अधिकारी ने अक्टूबर 2019 के हीरा सिंह राणा के ढेला इंटर कालेज आगमन के संस्मरणो को साझा किया औऱ बताया कि उन्होंने उस दिन अपने द्वारा लिखा गया पहला गीता आ लिली बाकरी लिली सुना पहाड़ के जीवन को ।बच्चों द्वारा हीरा सिंह राणा की कविताओं पर पोस्टर भी बनाये गए।इस मौके पर प्रधानाचार्य श्री राम यादव,मनोज जोशी,दिनेश निखुरपा,सुभाष गोला,सन्त सिंह,प्रेम सिंह,नफीस अहमद,संजीव कुमार मौजूद रहे।लेखक मंच के अनुराग शर्मा द्वारा भी इस मौके पर ढेला आगमन के दौरान हीरा सिंह राणा द्वारा गाये गए गीतों के संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया गया।