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जयंती पर याद किए गए ज्योतिबा फुले…

By on April 11, 2023 0 236 Views

रामनगर। सामाजिक विचारक, शिक्षाविद ज्योतिबा फुले को उनकी 196 वीं जयंती पर विभिन्न कार्यक्रमों के साथ याद किया गया।ज्योतिबा फुले,सावित्रीबाई फुले सांयकालीन स्कूल पूछड़ी में हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षक सुमित कुमार ने कहा महात्मा ज्योतिबा फुले जो की एक भारतीय समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे का जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र में हुआ। सितम्बर १८७३ में इन्होने महाराष्ट्र में सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया। महिलाओं व पिछडे और अछूतो के उत्थान के लिय इन्होंने अनेक कार्य किए। समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के ये प्रबल समथर्क थे। वे भारतीय समाज में प्रचलित जाति पर आधारित विभाजन और भेदभाव के विरुद्ध थे।शिक्षिका हेमा जोशी ने कहा इनका मूल उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना, बाल विवाह का विरोध, विधवा विवाह का समर्थन करना रहा है। फुले समाज की कुप्रथा, अंधश्रद्धा की जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे। अपना सम्पूर्ण जीवन उन्होंने स्त्रियों को शिक्षा प्रदान कराने में, स्त्रियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में व्यतीत किया.१९ वी सदी में स्त्रियों को शिक्षा नहीं दी जाती थी। फुले महिलाओं को स्त्री-पुरुष भेदभाव से बचाना चाहते थे। उन्होंने कन्याओं के लिए भारत देश की पहली पाठशाला पुणे में बनाई थीं। स्त्रियों की तत्कालीन दयनीय स्थिति से फुले बहुत व्याकुल और दुखी होते थे इसीलिए उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि वे समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाकर ही रहेंगे। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले को स्वयं शिक्षा प्रदान की। सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला अध्यापिका थीं।
रचनात्मक शिक्षक मंडल संयोजक नवेंदु मठपाल ने कहा जब उच्चवर्गीय समाज के लोग फुले दंपत्ति पर गोबर फेंक उन्हें परेशान कर रहे थे तब फातिमा शेख व उनके भाई उस्मान शेख ने उनका साथ दिया। विद्यालय के बच्चों भावना, शिवम, काजल, रितेश, प्रियांशु आर्य, राबिया, पूजा, काजल, नेहा, सचिन, अल्फैज़, मनीषा, द्वारा ज्योतिबा फुले का चित्र बनाने के साथ साथ विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम भी किए गए।इस मौके पर ग्राम प्रधान मो ताहिर राकेश कुमार, डोली देवी, शमीना, रुखसार, गुंजन देवी, वीरपाल सिंह, नईम, साईस्ता, इकरार, पूनम देवी, शांति देवी, प्रेमलता, ज्योति देवी, शबाना, रुखसाना मौजूद थे।