Breaking News
  • Home
  • राजनीति
  • तेज हुई केदारनाथ उपचुनाव की सरगर्मियां, कांग्रेस से इस महिला नेत्री ने पेश की दावेदारी, बताई वजह

तेज हुई केदारनाथ उपचुनाव की सरगर्मियां, कांग्रेस से इस महिला नेत्री ने पेश की दावेदारी, बताई वजह

By on August 15, 2024 0 167 Views

रुद्रप्रयाग: कांग्रेस प्रदेश सचिव एवं महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष शशि सेमवाल ने केदारनाथ विधानसभा में होने वाले उप चुनाव में से दावेदारी पेश की है. उनकी मानें तो यह सीट महिलाओं के लिए मुफीद है. जिसके कारण पार्टी इस बार उन्हें अधिकृत करती है तो अवश्य ही इस सीट को जीतकर पार्टी के खाते में डालेंगी. कांग्रेस नेत्री शशि सेमवाल ने कहा पार्टी को इस बार महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारना चाहिए, जिसको लेकर उन्होंने दावेदारी की है. उन्होंने कहा कि वे पार्टी के लिए लम्बे समय से संघर्ष कर रही हैं, जबकि जनता के बीच उनकी गहरी पैठ है. केदारनाथ विधानसभा की जनता भी उन्हें चाहती है. अगर पार्टी उन पर भरोसा जताएगी तो निश्चित ही जीत पक्की है.

कांग्रेस नेत्री शशि सेमवाल ने कहा केदारनाथ विधानसभा में भाजपा से आशा नौटियाल दो बार विधायक रही, जबकि दिवंगत शैलारानी रावत भी दो बार विधायक रही. ऐसे में इस सीट सीट पर कांग्रेस को महिला प्रत्याशी मैदान में उतारनी चाहिए, जिससे पार्टी की जीत को सुनिश्चित किया जा सके. उन्होंने कहा वे कांग्रेस में ब्लॉक अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष एवं एसीसीआई सदस्य रही हैं. वर्तमान में प्रदेश सचिव के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने कहा वे लगातार पार्टी की सेवा कर रही हैं, इसलिए पार्टी से टिकट मांगना उनका हक है. पार्टी हाईकमान के सामने उन्होंने अपनी बात रख दी है.

कांग्रेस नेत्री ने कहा हाल ही में आई केदारनाथ आपदा में भाजपा सरकार द्वारा समय पर कार्य नहीं किए जा रहे हैं. अभी भी सोनप्रयाग से गौरीकुंड हाईवे बंद पड़ा है, जबकि सरकार के मुखिया कह रहे हैं कि पन्द्रह दिनों में यात्रा शुरू कर देंगे. अभी पैदल मार्ग की स्थिति बुरी है, जबकि हाईवे सोनप्रयाग के साथ ही कई जगहों पर मुश्किलें पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा उषाड़ा, किणझाणी, दैड़ा आदि स्थानों पर भूस्खलन हो रहा है, जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. केदारनाथ यात्रा के लिए वर्ष 2013 से अभी तक वैकल्पिक मार्ग नहीं तलाशे गए. चौमासी-केदारनाथ और त्रियुगीनारायण-केदारनाथ जैसे वैकल्पिक मार्ग बनाए जाएं. उन्होंने केदारनाथ धाम से दिल्ली शिला ले जाने पर भी सवाल खड़े किये.