
माँ नन्दा सुनन्दा की कलाकारो द्वारा बनायी जा रही है इको फ्रेंडली मूर्तियां ब्रह्म मुहूर्त में होगी प्राण प्रतिष्ठा
नैनीताल। (कांता पाल) नैनीताल में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखते हुए प्रतिष्ठित माँ नन्दा और सुनन्दा देवी की प्रतिमा को इस वर्ष इको फ्रेंडली (पर्यावरण प्रिय) बनाया जा रहा है। मूर्ति में केले के पेड़, बाँस, रंग, प्राकृतिक रंग, घाँस, रुई और कपड़े समेत अन्य पर्यावरण प्रिय वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है। पहाड़ों में कुलदेवी के रूप में पूजी जाने वाली माँ नन्दा देवी महोत्सव की इनदिनों तैयारियां जोरों पर हैं, यहाँ माँ की मूर्ति को बनाने में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मूर्ति को इको फ्रेंडली वस्तुओं से बनाया जा रहा है जिससे इसे प्राण प्रतिष्ठा और भक्तों के दर्शनों के बाद झील में विसर्जित किया जा सके। बता दें की मूर्ति निर्माण मूर्ति निर्माण के लिए कदली वृक्ष ज्योलिकोट से लाए गए है। कदली वृक्ष, बांस, नैचुरल पेंट, घांस, रुई और कपडे से बनाई जाने वाली माँ नंदा सुनन्दा की प्रतिमा का बह्म मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा के बाद सुबह भक्तों के दर्शनों के लिए रख दिया जाता है। इस महोत्सव को सन 1925 में लाला मोती लाल साह ने शुरू कराया था। जिसके बाद से इसे राम सेवक सभा संचालित कराते आ रही है।
नयना देवी परिसर में होने वाला ये महोत्सव इस वर्ष अपने 119वें वर्ष में प्रवेश कर गया है। आयोजकों के अनुसार मूर्ति निर्माण में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा गया है और आज देर रात तक इसके तैयार होने के बाद इसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मूर्ति को नैना देवी मन्दिर में दर्शकों के दर्शनों के लिए रखा जाएगा और आगामी 17 सितम्बर को नयना देवी मंदिर परिक्रमा के बाद झील में विसर्जित कर दिया जाएगा।