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अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार ही बना बाल शिक्षा में रोड़ा। कक्षा एक में प्रवेश की न्यूनतम आयु 6 वर्ष को लेकर फंसा पेंच।

By on March 21, 2025 0 356 Views

उत्तराखंड में निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार संशोधित नियमावली 2023 के अनुसार कक्षा एक में प्रवेश हेतु न्यूनतम 6 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है, परंतु संशोधित अधिसूचना में बालक की 6 वर्ष की आयु शैक्षिक सत्र प्रारंभ होने की तिथि अथवा उससे पूर्व प्राप्त कर ली गई होने के कारण राज्य के अधिकांश बच्चों का भविष्य एक वर्ष के लिए लटक गया है क्योंकि जिन बच्चों की उम्र 2 अप्रैल या उसके बाद किसी भी दिन 6 वर्ष की होगी उसे प्रवेश के लिए अगले 11 माह और 30 दिन तक प्रतीक्षा करनी ही होगी, अर्थात वह विद्यालय से बाहर की श्रेणी में होगा उल्लेखनीय है कि विगत में भी इस नियम के चलते राज्य के प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक में न्यूनतम प्रवेश की स्थितियां बन चुकी थी ,संगठन के हस्तक्षेप पर इस नियम में शिथिलीकरण करते हुए प्रवेश की व्यवस्था दी गई थी परंतु इस वर्ष न्यूनतम 6 वर्ष की आयु का प्रतिबंध शक्ति से लागू होने के चलते आगामी नवीन शैक्षिक सत्र में न्यूनतम प्रवेश की संभावनाएं बन चुकी हैं।
इसको लेकर उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ की प्रांतीय तदर्थ समिति के पदाधिकारी मनोज तिवारी ने इस संदर्भ में भारतीय संविधान में निहित निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के तहत उन बच्चों को भी प्रवेश देने की मांग की है जो 1 अप्रैल के पश्चात 6 वर्ष की आयु पूरी कर रहे हो।
श्री तिवारी ने कहा की शिक्षा अधिकार अधिनियम तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में तीन से छह वय वर्ग हेतु प्रीस्कूल अर्थात पूर्व प्राथमिक की संकल्पना निर्धारित की गई है जिसके अंतर्गत नर्सरी एलजी एवं यूकेजी का प्रावधान है जिसके आधार पर बच्चों को कक्षा एक में प्रवेश दिया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि विगत शैक्षिक सत्र में भी ऐसी स्थितियां बनी थी तब भी उनके द्वारा सभी सक्षम स्तरों पर इस मुद्दे को उठाया गया था, और परिणाम स्वरूप प्रवेश में शिथिलता प्रदान की गई थी।
उन्होंने कहा कि छात्र हित एवं जनहित के साथ-साथ राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए भी इस समस्या का समाधान किया जाना नितांत आवश्यक होगा।