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उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : मौसम की चुनौती को देखते हुए आयोग कराएगा पुनर्मतदान… बड़ा अपडेट आया सामने

By on July 22, 2025 0 307 Views

देहरादून: उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में 24 जुलाई को मतदान होना है. जिसके लिए पोलिंग पार्टियों की तैयारियां पूरी की जा चुकी है. जल्द ही पोलिंग पार्टियों की रवानगी भी पोलिंग बूथों के लिए शुरू हो जाएगी. हालांकि, मौसम विभाग की ओर से जारी किए के पूर्वानुमान के अनुसार 24 जुलाई को प्रदेश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश की आशंका है. इसको देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना प्लान ‘B’ जारी कर दिया है. जिसके तहत 24 जुलाई को होने वाले मतदान के दिन अगर किसी पोलिंग बूथ पर किन्हीं वजह से मतदान नहीं हो पाता है, तो उस बूथ पर 28 जुलाई को मतदान कराया जाएगा.

इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने आदेश भी जारी कर दिया है. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी किए गए आदेश के मुताबिक, हरिद्वार जिला छोड़ बाकी प्रदेश के 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो रहे हैं. ऐसे में त्रिस्तरीय पंचायतों के सदस्य ग्राम पंचायत, प्रधान ग्राम पंचायत, सदस्य क्षेत्र पंचायत और सदस्य जिला पंचायत पदों पर चुनाव के लिए जारी अधिसूचना के तहत पहले चरण में 24 जुलाई को मतदान होना है. साथ ही दूसरे चरण में 28 जुलाई को मतदान होना है.

स्थगित होने पर आगे बढ़ेगा मतदान: दूसरी तरफ उत्तराखंड में मॉनसूनी बारिश हो रही है. पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही मैदानी इलाके जलमग्न हैं. ऐसे में उत्तराखंड में मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, 24 जुलाई को तमाम क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका है. जिसके चलते मतदान तिथियों में किन्हीं क्षेत्रों में आपात स्थिति में मतदान स्थगन की स्थिति बन सकती है. लिहाजा, किसी क्षेत्र में मतदान प्रभावित होने की संभावना पर दोबारा मतदान कराए जाने के लिए आयोग ने निर्णय लिया है. इसके तहत पहले चक्र यानी 24 जुलाई को मतदान की प्रक्रिया स्थगित होने पर 28 जुलाई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक स्थगन क्षेत्र में मतदान प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी. इसी तरह दूसरे चरण 28 जुलाई को मतदान की प्रक्रिया स्थगित होने पर 30 जुलाई को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान की प्रक्रिया कराई जाएगी.

मतदान दिवस की शाम तक रिपोर्ट की जाएगी पेश: अगर किसी क्षेत्र में दोबारा मतदान करने की स्थिति बनती है तो फिर जिला निर्वाचन अधिकारी और प्रेषक की ओर से ऐसे मतदान स्थलों का परीक्षण किया जाएगा और उसकी सूची, मतदान दिवस की शाम तक राज्य निर्वाचन आयोग को उपलब्ध कराई जाएगी. लिहाजा जहां मतदान करना जरूरी होगा, उन क्षेत्रों में मतदान के लिए क्षेत्रवासियों को जानकारी दी जाएगी.