
वनभुलपुरा वासियों को न उजाड़े जाने को लेकर मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन….
रामनगर। आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोशिएशन ने मुख्यमंत्री को उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेज वनभुलपुरा वासियों को न उजाड़े जाने की मांग की है।ज्ञापन में कहा गया है कि उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय के आधार पर उत्तराखंड शासन -प्रशासन व रेलवे द्वारा बनभूलपुरा क्षेत्र की 5 बस्तियों को ध्वस्त करने की कार्यवाही करने की पूर्ण तैयारी कर ली गई है। जिससे उक्त क्षेत्र की करीब 50 हजार की आबादी अपने घर उजाड़े जाने को लेकर डर-भय के साए में जी रही है। उक्त आबादी में हजारों की संख्या में अबोध और दुधमुंहे बच्चे ,स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों,गर्भवती महिलाओं व बीमार लोगों से लेकर बूढ़े -बुजुर्ग लोग भी शामिल हैं ।
महोदय, उच्च न्यायालय में उक्त सम्बन्ध में की गई सुनवाई के दौरान उत्तराखंड सरकार द्वारा या तो मामले की कोई पैरवी ही न की गई और की भी गई तो बहुत ही लचर व अनमने तरीके से बहुत ही कमजोर पैरवी की गई। जबकि वर्ष 2016 में उत्तराखंड सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में उक्त भूमि को अपनी जमीन बताकर जोरदार पैरवी की थी। उत्तराखंड सरकार के रुख में दिखाई दे रहा यह परिवर्तन और विरोधाभास अत्यंत दुखद एवं चिंताजनक है। जिसकी कीमत उक्त 50 हजार लोगों को चुकानी होगी। उत्तराखंड सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में मामले की मजबूत पैरवी न करना दुर्भग्यपूर्ण है। यह कतई अन्यायपूर्ण और अमानवीय होगा यदि उक्त क्षेत्रों में विगत 100 से लेकर 150 वर्षों से रहने वाली भारी आबादी के घरों को तोड़कर इस भारी ठंड में उन्हें तड़पकर मरने को विवश कर दिया जाए। न्याय का सिद्धांत यही कहता है कि इस भरी ठंड में दुधमुंहे बच्चों, स्कूल पढ़ते बच्चों, गर्भवती महिलाओं, गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों और बूढ़े -बुजुर्गों को बेघर कर उन पर अत्याचार न किया जाए और उनके जीवन को खतरे में न डाला जाय।ऑल इण्डिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन, आइसा/AISA आपसे जनहित व न्यायहित में उक्त मानवीय व नैतिक पहलुओं को संज्ञान में लेकर त्वरित कार्यवाही करने की अपील करते हुए मांग करती है कि
उत्तराखंड सरकार बनभूलपुरा क्षेत्र की उक्त बस्तियों को बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे मामलों में जनता के पक्ष में मजबूती से पैरवी करे और उच्च न्यायालय में तत्काल पुनर्विचार याचिका दाखिल करे।किसी भी हाल में बनभूलपुरा वासियों के घर न उजाड़े जाएं। कोई भी परिस्थिति पैदा हो उसका समाधान करते हुए राज्य सरकार लोगों को बेघर होने से बचाए।इस मौके पर आइसा नगराध्यक्ष सुमित, नगरसचिव अर्जुनसिंह नेगी, प्रचार सचिव मोहम्मद रिहान सिद्दकी, रऊफ अंसारी, जुनेद खान, रेखा आर्य, नेहा, उमेश कुमार, खुशी आर्य, शमशाद सैफी , आदि लोग मौजूद रहे।