हरीश रावत का आरोप – उत्तराखंड में हो रहा गुंडा एक्ट का दुरुपयोग, विरोधस्वरूप कल रखेंगे मौन व्रत
देहरादून : उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ गुंडा एक्ट का दुरुपयोग करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिस कानून का उद्देश्य समाज के लिए खतरनाक और अपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना था, उसका अब राजनीतिक कार्यकर्ताओं को दबाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
हरीश रावत ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा कि यदि सत्तारूढ़ पार्टी के किसी विधायक को कोई व्यक्ति अप्रिय लगता है तो उसे गुंडा एक्ट में निषिद्ध कर जिला बदर किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में नगर पंचायत के निवर्तमान अध्यक्ष और उनके पिता को इसी एक्ट के तहत जिला बदर कर दिया गया है। आगामी निकाय चुनावों के मद्देनजर, इस तरह की कार्रवाइयों पर सवाल उठाते हुए रावत ने कहा कि अब तक उनके पास इस प्रकार के छह मामले आ चुके हैं, जिनमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक कारणों से निशाना बनाया गया है।
हरीश रावत ने अपनी चिंता को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने के लिए कल, 12 नवंबर को सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक अपने आवास पर एक घंटे का मौन व्रत रखने का ऐलान किया है। इसके बाद वह कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और किसी सार्वजनिक स्थल पर इस दमनकारी नीति के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करेंगे।