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उत्तराखंड मे जो यहाँ से चुनाव जीता बनी उसकी सरकार, AAP के कर्नल हैं यहाँ से उम्मीदवार…

By on January 14, 2022 0 342 Views

उत्तरकाशी: देश में धार्मिक महत्व की गंगा (भागीरथी) नदी के उद्गम स्थल वाली इस सीट का इतिहास बेहद रोचक रहा है। अविभाजित उत्तरप्रदेश में यह सीट उत्तरकाशी के नाम से जानी जाती थी। जो राज्य बनने के बाद गंगोत्री से अस्तित्व में आई। जिसमें जनपद के सीमांत विकासखंड भटवाड़ी सहित डुंडा तथा नगर पालिका क्षेत्र बाड़ाहाट (उत्तरकाशी) शामिल हैं। इस सीट पर जो भी पार्टी चुनाव जीतती है, उसकी सरकार बनती है। आजादी के बाद से करीब सात दशकों से चले आ रहे इस मिथक के चलते इस सीट को जीतने के लिए राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं।

आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कर्नल अजय कोठियाल के गंगोत्री सीट से लड़ने की घोषणा कर चुके है. और उम्मीदवारों की सूची मे भी कोठियाल का नाम आ चुका है। इससे पहले गंगोत्री सीट पर भाजपा का कब्ज़ा था लेकिन विधायक गोपाल रावत के निधन के बाद ये सीट खाली है. इससे पहले भी ये सीट राज्य बनने के बाद भाजपा और कांग्रेस के पाले में ही रही है। इस बार कोठियाल के मैदान में आने से ये सीट काफी हॉट हो गई है. लेकिन कोठियाल की ये राह चुनौती भरी होगी क्योंकि कोठियाल राजनीति में नए हैं और बीजेपी कांग्रेस बड़ी चुनौती हैं. हालांकि अभी बीजेपी – कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं घोषित किए हैं अब देखने वाली बात ये होगी की कोठियाल का मुकाबला किन कांग्रेस बीजेपी के दिग्गजों से होता है।

प्रमुख मुद्दे/समस्याएं:
-पर्यावरण बनाम विकास की लड़ाई में लटकी लोहारीनाग पाला परियोजना।
-कई दशकों से लंबित बस अड्डा व वाहन पार्किंग का निर्माण।
-भूमि स्वीकृति के बाद भी लंबित हाईटेक कूड़ा निस्तारण केंद्र का निर्माण।
-बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं और दिनोंदिन बढ़ती बेरोजगारी।

कुल मतदाता-86313
पुरूष-44344
महिला-41968

कौन-कौन, किस दल के विधायक सीट पर काबिज रहे
राज्य गठन से पूर्व 
जयेंद्र सिंह बिष्ट, 1952 निर्दलीय।
जयेंद्र सिंह बिष्ट, 1957 कांग्रेस।
रामचंद्र उनियाल, 1958 कांग्रेस।
कृष्ण सिंह, 1962 कांग्रेस।
कृष्ण सिंह, 1967 कांग्रेस।
कृष्ण सिंह, 1969 कांग्रेस
बर्फिया लाल जुवांठा, 1977 जनता पार्टी।
बलदेव सिंह आर्य, 1980 कांग्रेस।
बलदेव सिंह आर्य, 1985 कांग्रेस।
बर्फिया लाल जुवांठा, 1989 जनता पार्टी।
ज्ञानचंद, 1991 भाजपा।
बलदेव सिंह आर्य, 1993 समाजवादी पार्टी।
ज्ञानचंद, 1996, भाजपा।

राज्य बनने के बाद 
विजयपाल सजवाण, 2002 कांग्रेस।
गोपाल सिंह रावत, 2007 भाजपा।
विजयपाल सजवाण, 2012 कांग्रेस।
गोपाल सिंह रावत, 2017 भाजपा।