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मोदी की की टोपी ने उत्तराखंड मे छू लिया राजनीति का शिखर, देवभूमि के दंगल में क्या टोपी डाल सकती है असर ?
दिल्ली/ देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान का फिर गौरव बढ़ाया। 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली में मुख्य समारोह में उन्होंने ब्रह्म कमल वाली उत्तराखंडी टोपी पहनी। पीएम मोदी ने आज खास उत्तराखंडी टोपी पहनी थी. इस टोपी की खासियत थी इस पर ब्रह्मकमल बना था. जिसे दिवंगत CDS बिपिन रावत अक्सर पहने नजर आते थे. गणतंत्र दिवस पर प्रधानमंत्री का इस टोपी को पहनना उनकी तरफ से जनरल रावत को श्रद्धांजलि माना जा रहा है. उनके इस अंदाज को चुनावी रंग भी दिया जा रहा है. उत्तराखंड में 14 फरवरी को मतदान होना है. ऐसे में मोदी की टोपी का चुनाव से कनेक्शन भी जोड़ा जा रहा है।
देवभूमि के दंगल में क्या टोपी डाल सकती है असर ?
उत्तराखंड में 14 फरवरी को वोटिंग होनी हैं. ऐसे में इस टोपी को पहनने के पीछे पीएम का मकसद उत्तराखंड की जनता से इमोशनल कनेक्शन जोड़ना भी माना जा रहा है। चुनाव के दौर में ऐसी छोटी-छोटी बातों से बड़ा फायदा भी होता है. लिहाजा बीजेपी यह मान रही कि चुनाव के बीच गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी का उत्तराखंडी टोपी पहनना उत्तराखंड में पार्टी को फायदा पहुंचा सकता है।
सीएम धामी का टोपी पर ट्वीट- पीएम ने बढ़ाया देवभूमि का गौरव
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी ट्वीट किया है. धामी ने लिखा- ‘माननीय प्रधानमंत्री ने ब्रह्मकमल से सुसज्जित देवभूमि उत्तराखंड की टोपी धारण कर हमारे राज्य की संस्कृति एवं परम्परा को गौरवान्वित किया है।
कांग्रेस को लगे पीएम की टोपी के पीछे चुनावी मकसद
उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के मुताबिक ब्रह्मकमल और उत्तराखंडी टोपी की पहचान राष्ट्रीय है। प्रधानमंत्री ने इसे पहना खुशी की बात है, उम्मीद है कि इसके पीछे कोई चुनावी एजेंडा नहीं होगा, हम आशा करते हैं कि पीएम ने इसे सूबे में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं पहना होगा। उम्मीद करते है कि पीएम मोदी आगे भी इस टोपी को पहनना जारी रखेंगे
प्रतीकों की सियासत में माहिर हैं पीएम मोदी
प्रतीकों की राजनीति के लिए मशहूर पीएम नरेंद्र मोदी गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान उत्तराखंड की टोपी और मणिपुर का गमछा पहने दिखे. उनकी टोपी पर उत्तराखंड के राजकीय पुष्प ब्रह्मकमल भी अंकित था. दोनों राज्यों में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. लिहाजा पीएम नरेंद्र मोदी की उत्तराखंडी टोपी और मणिपुरी गमछे को इन दोनों राज्यों की आवाम के लिए संकेत से जोड़कर देखा जा रहा है. इससे पहले बंगाल चुनाव के दौर में पीएम मोदी की गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर सरीखी दाढ़ी भी काफी सुर्खियों में थी , उसे भी बंगाल के मतदाताओं पर असर डालने की कोशिश के तौर पर देखा गया था लिहाजा इस बार भी पीएम मोदी की वेशभूषा का कनेक्शन चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.