
नामांकन निरस्त होने पर, सरेआम फूट-फूट कर रोने लगा निर्दलीय प्रत्याशी, बोला अब लाश ही करेगी दस्तावेज रिसीव, देखिये VIDEO
शाहजहांपुर: पांच राज्यों के चुनावी समर में अजब गज़ब नजारे सामने आ रहे हैं। फिलहाल बात कर रहे हैं यूपी के शाहजहांपुर की। एक निर्दलीय प्रत्याशी अपना नामांकन निरस्त होने पर सरेआम फूट-फूट कर रोने लगा। अपना पर्चा निरस्त कराने का आरोप वो बीजपी पर मढ़ रहा है। प्रत्याशी के फूट-फूट कर रोने का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। जानकारी के अनुसार संयुक्त विकास पार्टी के बैनर तले नगर विधानसभा से वैद्यराज किशन ने 25 जनवरी को नामांकन कराया था। 29 को जांच में उसका पर्चा निरस्त हो गया। चुनाव से जुड़े एक अधिकारी ने वैद्यराज को इसकी सूचना दी तो वह वहीं पर फूट-फूट कर रोने लगा। नजारा अजब गजब था लिहाजा लोगों का हुजूम वहां पर धीरे धीरे जुटने लग गया।
अफसरों ने पर्चा निरस्त होने का नोटिस दिया तो किशन ने कहा कि उसकी लाश ही दस्तावेज रिसीव करेगी। प्रत्याशी ने अधिकारियों को अनपढ़ बताते हुए कहा कि घंटों अधिकारी उसे इंतजार कराते रहे। उसने उनसे मिलने की कोशिश की लेकिन चपरासी ने भीतर नहीं जाने दिया। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी सुरेश खन्ना पर पर्चा निरस्त कराने का आरोप लगाया। वैद्यराज किशन ने बिलखते हुए कहा कि उसने 5 दिन से खाना नहीं खाया है। पर्चा निरस्त कर मुझे बर्बाद कर दिया। वैद्यराज किशन ने कहा कि अब उसके जिंदा रहने का कोई मतलब नहीं है। सूत्रों के मुताबिक 19 चुनाव लड़ चुके वैद्यराज किशन हर बार नामांकन कराते हैं। लेकिन आज तक वो जीत नहीं सके हैं। वो हर बार अलग-अलग तरह से नामांकन दाखिल कराने के लिए जाने जाते हैं। इस बार उन्होंने पीपीई किट पहनकर शहर विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया था।
देखिये कैसे रोये नेता
किशन ने कहा कि जब वह नामांकन दाखिल करने गए तो उनके प्रस्तावक को बाहर ही रोक लिया गया था। बाद में 26 जनवरी को उन्होंने फिर नामांकन पत्र दाखिल किया किया। उन्होंने कहा कि पांच दिन से वह लगातार निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगाकर परेशान हो गए हैं। निर्वाचन अधिकारी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि संयुक्त विकास पार्टी के प्रत्याशी वैद्यराज किशन का नामांकन निरस्त कर दिया गया है। सिंह ने कहा कि उन्हें तीन-तीन नोटिस जारी करके दस्तावेज पूरे करने का मौका दिया गया। इसके बाद भी उन्होंने अधूरे दस्तावेज पूरे नहीं किए।