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दिग्विजय सिंह बोले – 2023 आखिरी चुनाव है, अगर इस बार एकजुट नहीं हुए तो फिर कभी भी कांग्रेस नहीं आएगी, देखिये वीडियो

By on February 21, 2022 0 645 Views

रतलाम : रतलाम आए पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं व कांग्रेस पदाधिकारियों को गुटबाजी दूर करने के लिए खरी-खरी सुना दी। सर्किट हाउस पर कार्यकर्ताओं से सिंह ने कहा कि 2023 आखिरी चुनाव है, अगर इस बार एकजुट नहीं हुए तो फिर कभी भी कांग्रेस नहीं आएगी। वर्कर नहीं मिलेंगे। मैं या कमल नाथ भी कुछ नहीं कर पाएंगे।

…देखिये क्या बोले दिग्विजय….

 

दरअसल सिंह से मिलने जावरा क्षेत्र के कुछ नेता अलग-अलग समूह में आए थे। उन्हें एक साथ रहने की नसीहत देने के दौरान किसी ने इसका वीडियो बना लिया जो वायरल हो गया। बाद में सर्किट हाउस पर मीडिया से चर्चा में सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान झूठ बोलते हैं। नर्मदा किनारे डेढ़ करोड़ पौधे लगाने का दावा किया, मुझे नर्मदा परिक्रमा में मात्र तीन पौधे जीवित मिले। किसानों की जमीन डूबने पर मुआवजा नहीं मिला तो सीएम चौहान से समय मांगा तो सवा माह तक समय नहीं दिया। धरने की चेतावनी दी तो समय देकर बाद में निरस्त कर दिया। सस्ती बिजली की योजना कमल नाथ सरकार ने शुरू की, जिसका फायदा सभी को मिला। भाजपा शराबबंदी, किसान सभी मुद्दों पर झूठ बोल रही है। नियमों का पालन नहीं करने से निकाय व पंचायत चुनाव टल रहे हैं। इस दौरान झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया, आलोट विधायक मनोज चावला, शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेंद्र कटारिया आदि मौजूद रहे।

भाजपा व आरएसएस राम को बेच रही

सिंह ने कहा कि कांग्रेस कभी भी धर्म के नाम पर वोट नहीं मांगती ना ही मांगेगी। भाजपा आरएसएस, विहिप, बजरंग दल ने राम को बेचने का काम किया है। फसल बीमा योजना में किसानों के खातों में दो साल पुरानी राशि डाली, लेकिन निकालने पर रोक लगाकर अब कर्ज में समायोजित कर रहे हैं। हिजाब व बुर्के में फर्क है। इसे राजनीति का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। कांग्रेस आतंकवादियों का धर्म नहीं देखती, जो आतंकी है उस पर कार्रवाई होना चाहिए।

रात को बजरंग दल ने फूंका पुतला

मीडिया से चर्चा में आरएसएस व बजरंग दल को लेकर की गई टिप्पणी पर दिनभर इंटरनेटर मीडिया पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता नाराजगी जताते रहे। रात करीब नौ बजे सज्जनसिंह की प्रतिमा के समक्ष दिग्विजय सिंह का पुतला फूंककर विरोध जताया। कार्यकर्ताओं का कहना था कि भगवान श्रीराम और आरएसएस को लेकर दिग्विजय सिंह की सोच हमेशा तुष्टिकरण को बढ़ावा देने वाली रही है।