वेतन को तरसे आउट सोर्स कर्मी, 9 महीने से नहीं मिला वेतन।
कालाढूंगी। (शाकिर हुसैन) रात दिन खतरों से खेलकर जंगलों में कार्य करने वाले आउट सोर्स कर्मियों को विगत 09 महीनों से वेतन नहीं मिल सका है। जिस कारण गुस्साए कर्मी कालाढूंगी रेंज में धरने पर बैठ गए।
वन विभाग में कार्यरत यह कर्मी वेतन के लिए परेशान हैं।
रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी रेंज में भी कार्यरत आउट सोर्स कर्मियों को 09 महीनों से वेतन नहीं मिल सका है।
जबकि आग बुझाने, सांप पकड़ने, मार्ग पर पेड़ गिरने पर रास्ता खोलने, जंगल गश्त और वन सुरक्षा का कार्य इनसे लिया जाता है। बताया जा रहा है कि रामनगर वन प्रभाग में उज्ज्वला श्रम संविदा सहकारिता समिति के माध्यम से 100 से अधिक लोगों को वन कार्य के लिए रखा गया है। जिनमे से कुछ श्रमिकों को वेतन मिल गया है तो कुछ 09 महीनों से वेतन को तरस रहे हैं।
कालाढूंगी रेंज में भी 28 में से 10 कर्मियों को वेतन नहीं मिल सका है।
गुस्साए कर्मियों का कहना है कि अब रक्षाबंधन त्यौहार के भी कुछ दिन ही बचे हुए हैं। ऐसे में वह त्यौहार कैसे मनाएंगे।
विगत 09 महीने से वेतन मिलना तो दूर पीएफ काटा तो जा रहा है पर पीएफ का पैसा भी नहीं दिया जा रहा है।
कर्मियों का कहना था कि उधार लेकर घर का खर्च चलाना पड़ रहा है तो किसी को ब्याज पर पैसा लेना पड़ रहा है। लेकिन उनकी यह परेशानी कौन समझे।
बताया गया कि ठेकेदार द्वारा कुछ कर्मियों को दिए गए वेतन के चैक पैसा न होने के कारण बाउंस हो गए। इधर रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ चंद्र शेखर जोशी ने बताया इनकी समिति को पैसा जारी कर दिया गया था। कुछ लोगों के नाम या नम्बर गलत होने से पैसा नहीं पहुंचने की बात सामने आई है। उन्होंने समिति को पत्र लिखकर कर्मियों की समस्या बताई है। जल्द ही पैसा मिल जाएगा। इस दौरान मुकेश पाल, बलराज, नंदन सिंह, रवि आर्या, विनोद वर्मा, वीरेंद्र राणा, प्रमोद कुमार, अनीता देवी, त्रिभुवन, नीरज चंद्र, धनंजय बिष्ट, खीमानन्द, दीपक, जय गोपाल, खुशाल सिंह, शुभम, मनमोहन बिष्ट, अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।
फोटो। धरने पर बैठे आउट सोर्स कर्मी।।
भोजन माताओं ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन।
कालाढूंगी। प्रगतिशील भोजन माता संगठन ने तहसील में पहुंचकर एसडीएम के माध्यम से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन में सभी भोजन माताओं को स्थाई करने, न्यूनतम वेतन लागू करने, अमानवीय शासनादेश रद्द करने तथा कोविड सेंटरों में कार्यरत रही भोजन माताओं को प्रोत्साहन राशि देने की मांग की गई।
संगठन की अध्यक्ष हंसी देवी ने कहां कि भोजन माताएं तकरीबन 19 सालों से बेहद कम मानदेय पर काम के साथ ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, सफाई कर्मचारी और माली का काम भी कर रही हैं। सभी भोजन माता गरीब परिवारों से हैं। जबकि सरकार भजन माताओं का मानदेय बढ़ाने की जगह उन्हें हटाने के शासनादेश पारित कर रही है।
भोजन माताओं द्वारा बार बार वेतन वृद्धि की मांग की जाती रही है पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।
इस दौरान संगठन की हंसी देवी, हेमा गोस्वामी, प्रेमा देवी, कमला, नीता आदि शामिल रहीं।
फोटो। ज्ञापन देतीं भोजन माताएं।

