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15 अगस्त को आजादी के 75वे वर्षगाठ पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
आज दिनांक 15 अगस्त को आजादी के 75 वे सालगिरह के मौके पर इंकलाबी मजदूर केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन और प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने व्यापार मंडल कार्यालय में गोष्टी का आयोजना किया गया । गोष्ठी का विषय आजादी का 75वां साल और आम जनता की स्थिति था। गोष्ठी में संचालन किया । गोष्ठी में देवभूमि विकास मंच और उत्तराखंड पररिवर्तन पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
गोष्ठी में वक्ताओं ने बात रखते हुए कहा कि आज हमारे देश की सरकार आजादी का 75 वां साल का जश्न मना रही हैं और वहीं आम जनता की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है । आजादी के 74 साल बाद भी जनता की स्थिति गुलामों जैसी बनी हुई है। अपनी आजीविका कमाने के लिए वह 12-16 घंटे काम करने को मजबूर है। अर्थव्यवस्था की हालत कोरोना के पहले से ही खराब थी। लेकिन कोरोना के बाद तो महंगाई, बेकारी, बेरोजगारी ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। प्रभात ध्यानी ने कहा कि 75 करोड़ लोंगों को 5 किलो मुफ्त अनाज देना सरकार की मजबूती के नही बल्कि नाकामी का प्रतीक है। आज की फासीवादी सरकार आज़ादी के समय के विभाजन के घाव हरे कर संप्रदायकिता को बढ़ावा देना चाहता है।
अन्य वक्ताओं ने महिलाओं, आदिवासियों , मज़दूरों , किसानों पर शासकों के अत्याचारों को बताते हुए कहा कि आज भी काले अंग्रेज जनता के साथ वैसा ही व्यवहार करते हैं जैसा गोरे अंग्रेज करते थे।
आज की गोष्ठि में तुलसी छिमवाल, मीना देवी, सुनीता रानी, रवि कुमार, भुवन, उवेद उल हक, एस आर टम्टा, लालमणि, प्रीति, मनमोहन अग्रवाल, मनिंदर सिंह सेठी, अश्वनी सिद्दार्थ आदि मौजूद रहे।