शीतकाल के लिए बंद हुए यमुनोत्री धाम के कपाट, खरसाली रवाना हुई मां यमुना की डोली, इस बार 7 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
उत्तरकाशी: चारधाम के पहले प्रमुख तीर्थ यमुनोत्री धाम के कपाट विशेष पूजा अर्चना के बाद पूर्व निर्धारित समयानुसार 12 बजकर पांच मिनट पर पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब छह महीने शीतकाल में मां यमुना के दर्शन व पूजा अर्चना शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में किए जाएंगे।
इससे पहले सुबह आठ बजे मां यमुना के भाई शनिदेव समेश्वर महाराज अपनी बहन को लेने यमुनोत्री धाम पहुंचे थे। उसके बाद यहां सैकड़ों श्रद्धालुओं और स्थानीय देव डोलियों की मौजूदगी में मां यमुना के मंदिर कपाट बंद हुए। ग्रामीणों ने मां यमुना की डोली का फूल मालाओं, धूप, दीप नैवेद्य के साथ भव्य स्वागत किया।
इस मौके पर पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, पुरोहित समाज के सुरेश उनियाल, मनमोहन उनियाल, प्यारे लाल उनियाल, भागेश्वर उनियाल,सुभाष उनियाल,गौरव उनियाल,आशिष उनियाल,कमल सिंह बिष्ट,महावीर पंवार, आनंद सिंह राणा, जसपाल परमार,सीओ सुरेंद्र सिंह भंडारी,एस ओ दीपक कठैत, विक्रम सिंह, एसडीएम बृजेश तिवारी के अलावा सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।
यमुनोत्री धाम में गत वर्ष से कम है संख्या
यमुनोत्री धाम में शनिवार शाम तक 711754 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। जबकि पिछले साल यह संख्या 735245 रही थी। चारधामों में प्रमुख गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार को अन्नकूट पर्व पर दोपहर 12:14 बजे अभिजीत मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंद कर दिए गए थे। इस अवसर पर देश-विदेश से सैकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने मां गंगा की उत्सव डोली के निर्वाण दर्शन किए।