उत्तराखंड का रामनगर अवैध खनन का हब बनता जा रहा है। रामनगर के पूछड़ी में भी अवैध खनन में एक नेता जी का नाम आगे आ रहा है। सत्ताधारी दल से जुड़े यह एक और नेता जी बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि युवा हैं, और राजनीति के साथ हर क्षेत्र में जल्द लम्बी छलांग लगाने को आतुर हैं।
चलिए अभी बात अवैध खनन की कर लेते हैं। नेता जी का दिमाग बहुत तेज चलता है। खनन का पूरा माल भी एक निश्चित स्टोन क्रशर में जा रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इस क्षेत्र में नेता जी ने कुछ सालों में खेत खोद कर अच्छा पैसा बनाया है। इस बार भी खोदे खेत ही जा रहा है। खेत खोदने के लिए जेसीबी मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। जाहिर है ढुलान के लिए भी डंपर या ट्रेक्टर ट्राली का इस्तेमाल किया जा रहा होगा।
दिमाग का खेल यही से शुरू होता है। इस खनन में ना तो लोकल की जेसीबी है, और ना ही लोकल का डंपर। यह सब बाहर से मंगाए गए हैं। खेत स्थानीय का वन भूमि में कब्जे वाले है। बताया जा रहा है कि खेत मालिक गरीब है, और थोड़ा लालच में पड़ कर उसने यह जमीन खनन के लिए दी है।
अब जब खेत खुद ही रहा है, तो वहां से लाखों के वारे न्यारे होना भी लाजिमी है। ऐसे में नेता जी तो पैसा कमा कर फुर्र हो जाएंगे। प्रशासन का गर्दन पर वार तो उस खेत के मालिक पर होगा, जो गरीब बताया जा रहा है।
नेता जी 2022 के विधानसभा चुनाव में भी ताल ठोकने का मन बना रहे हैं। ऐसे में जाहिर सी बात है कि पैसा होना जरूरी है। बताया जा रहा है कि इस काम के लिए उन्होंने वन विभाग में एक दोबारा लौट कर आये नए नवेले अधिकारी से सेटिंग की हुई है। अब पैसा किसे बुरा लगता है।

