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‘अब भी सरकार ने घुमा फिरा कर जमीनों की बंदरबांट का रास्ता खुला छोड़ा’, भू कानून पर बोले करन माहरा

By on February 20, 2025 0 251 Views

देहरादून: उत्तराखंड में धामी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए सख्त भू कानून पर अपनी मुहर लगाई है, लेकिन कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं. भू कानून पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि धामी सरकार ने बड़े विलंब के बाद भू कानून पर आधी अधूरी तैयारी के साथ कदम आगे बढ़ाए हैं. भू कानून का पूरा अध्ययन कर कांग्रेस आगे की रणनीति तैयार करेगी.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने एक बयान जारी कर कहा कि जब भू कानून का मसौदा सदन के पटल पर रखा जाएगा, तभी उसको अध्ययन करने के बाद कोई प्रतिक्रिया दी जा सकेगी, लेकिन अभी जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार राज्य की जनता जिस सशक्त भू कानून की मांग कर रही थी. उसे लाने में सरकार ने कोई जिज्ञासा नहीं दिखाई है.

उन्होंने कहा कि कैबिनेट की ओर से पारित भू कानून केवल प्रदेश के 11 जिलों में लागू होगा. इन 11 जिलों में कृषि और वानिकी के लिए भूमि खरीद पर रोक होगी. हालांकि, अन्य प्रयोजनों के लिए शासन की सहमति से जमीन खरीदी जा सकेगी. माहरा का कहना है कि अब भी सरकार ने घुमा फिरा कर जमीन की बंदरबांट का रास्ता खोल रखा है.

मैदानी जिलों में ही हुआ भू कानून का सबसे ज्यादा दुरूपयोग

करन माहरा ने कहा कि मैदानी जिलों में ही भू कानून का सबसे ज्यादा दुरूपयोग हुआ है. ऐसे में वहां कृषि और बागवानी के नाम पर जमीन क्रय कर उसे कमर्शियल और रेजिडेंशियल एक्टिविटी के लिए उपयोग करते आ रहे हैं.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आरोप लगाया कि कैबिनेट की ओर से पारित भू कानून में भू माफियाओं के लिए पूरी संभावनाएं छोड़ी गई है. इससे राज्य के आंदोलनकारी संगठनों और आम जनता में भारी निराशा है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार की ओर से ले गए भू कानून का बारीकी से अध्ययन करने के बाद ही पार्टी अपनी अग्रिम रणनीति तैयार करेगी.