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हरीश रावत ने कहा – प्रेमचंद अग्रवाल का त्यागपत्र नहीं, बीजेपी के अहंकार की पराजय

By on March 18, 2025 0 266 Views

देहरादून: उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के विवादित बयान के बाद सीएम धामी को सौंपे इस्तीफे के बाद राजनीति तेज हो गई है. विपक्ष इस मुद्दे पर धामी सरकार पर हमलावर हैं. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि ये प्रेमचंद अग्रवाल का त्यागपत्र नहीं है, बल्कि यह भारतीय जनता पार्टी के अहंकार की पराजय है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि जनमत के आगे सत्ता के अहंकार को झुकना पड़ा. जो लोग इस अहंकार को प्रश्रय दे रहे थे, चाहे उस अहंकार को पहाड़ी मैदानी का रूप दे रहे लोगों को क्षमा मांगनी चाहिए. हरीश रावत ने आगे कहा कि अहंकार का नतीजा सामने आ गया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट समेत कुछ और लोगों के अहंकार भी है जिनका जवाब उत्तराखंड उन्हें देगा, महेंद्र भट्ट ने अपने राजनीतिक विरोधियों को ‘सड़कछाप’ कहकर एक ‘घटिया दर्जे’ का बयान दिया है.

उत्तराखंड उन्हें उस बयान के लिए बीजेपी और महेंद्र भट्ट को क्षमा नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि महेंद्र भट्टे ने वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को संरक्षण देने के लिए पूरी ताकत लगा दी. जिस तरह से विधानसभा में एक सदस्य लखपत बुटोला द्वारा अपना गुस्सा, व्यथा और पीड़ा करने पर डांटकर बैठाया गया, उसी अहंकार को जनमत के आगे झुकना पड़ा. इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है. इसके अलावा उत्तराखंड का गुस्सा एक व्यक्ति पर नहीं है, व्यवहार, अहंकार जो सत्ता के रग-रग में बस गया है, उस पर उत्तराखंड की जनता गुस्सा है. वो गुस्सा तभी शांत होगा, जब ये लोग अपने व्यवहार व गुस्से के लिए माफी मांगेंगे और भविष्य में ऐसा ना करने का वचन देंगे.

जानिए क्या है पूरा मामला?

संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 21 फरवरी 2025 को उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान सदन में विवादित बयान दिया था. मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को लेकर सदन के अंदर और बाहर जमकर विरोध हुआ. विपक्ष ने 22 फरवरी को सदन की कार्यवाही में मंत्री अग्रवाल से माफी मांगने की मांग की. इस मामले में बदरीनाथ से कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला ने तो सदन में कागज फाड़कर अपनी सीट से उठ गए थे.

विवाद बढ़ता देख प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद जताया, लेकिन विपक्ष माफी मांगने पर अड़ा रहा. मामले में लगातार कांग्रेस समेत तमाम संगठन प्रदर्शन कर विरोध जता रहे थे. जिसके बाद बीते दिन प्रेमचंद अग्रवाल ने अपना इस्तीफा सीएम धामी को सौंप दिया है.