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उत्तराखंड मे शुरू हुई उपचुनाव की चर्चा, बीजेपी से सीएम धामी के अलावा, कांग्रेस और AAP भी भरेगी पर्चा…
देहरादून: उत्तराखंड मे भाजपा ने भले ही धामी के सर पर जीत का सेहरा बांध कर उन्हे फिर दोबारा सीएम पद की कमान सौंप दी हो लेकिन धामी के सामने अभी उपचुनाव की चुनौती है । आपको बता दें संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत किसी भी सीएम को जो विधानसभा का सदस्य न हो उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा सदन की सदस्यता ग्रहण करनी होती है। और पुष्कर सिंह धामी को भी यही करना होगा चुनाव लड़ना भी होगा और सीएम बने रहने के लिए जीतना होगा। जो चुनौती भरा हो सकता है, लेकिन भाजपा इस चुनौती को ज़्यादा गंभीरता से नहीं ले रही है आपको बता दें करीब 10 विधायक सीएम धामी के लिए अपने सीट छोड़ने की पेशकश कर चुके हैं जिसमे 1 निर्दलीय और 1 कांग्रेस के विधायक भी शामिल है। भाजपा पूरी तरह आश्वस्त है की सीएम धामी जहां से भी चुनाव लड़ेंगे जीत उनके कदम चूमेगी। फिलहाल धामी के चुनाव लड़ने की चर्चा चंपावत से है जहां से भाजपा के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने धामी के लिए सीट छोड़ने की सबसे पहले पेशकश की थी सूत्रों के मुताबिक ये तय माना जा रहा है की धामी चंपावत से ही चुनाव लड़ेंगे बस औपचारिक ऐलान होना बाकी है।
कांग्रेस की बात करें तो, अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस और विधानसभा चुनाव मे करारी शिकस्त का सामने वाली कांग्रेस ये दावा कर रही है की वो इस उपचुनाव को एक अवसर के तौर पर देख रही है यानि कांग्रेस के मुताबिक वो सीएम धामी के खिलाफ एक ऐसा उम्मीदवार उतरेंगे जो मजबूत हो और उसे जीतने के लिए जी जान लगा देंगे। लेकिन वर्तमान हालात के मद्देनजर कांग्रेस के लिए ऐसा सोचने तक ही सीमित है क्योंकि कांग्रेस मे अब तक एकजुटता दिखाई नहीं दे रही नेताप्रतिपक्ष और कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के दौरान ज़्यादातर कांग्रेसी विधायक नदारद रहे जो कांग्रेस से इन विधायकों की नाराजगी और मनमुटाव की तरफ इशारा करता है। और अंतर्कलह को दर्शाता है।
उपचुनाव मे बात सिर्फ बीजेपी कांग्रेस तक ही सीमित नहीं है, उत्तराखंड की नई नवेली आम आदमी पार्टी भी उपचुनाव मे अपनी किस्मत आज़माने की सोच रही है। हालांकि इस विधानसभा चुनाव मे जीत का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली और जानकारों की माने तो आम आदमी पार्टी ने ही विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस का खेल खराब कर दिया और जीत का दावा करने वाली कांग्रेस 70 सीटों मे से 19 पर सिमट कर रह गई। वैसे आम आदमी पार्टी अब अपनी हार का मंथन करने मे लगी है और नई कार्यकारिणी स्थापित करने मे लगी है। आम आदमी पार्टी का दावा है की वो भी सीएम धामी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतरेंगे और धामी की राह को इतना आसान नहीं होने देंगे।