पहाड़ों की तरफ बढ़ने लगा दिल्ली का जहर! नए साल से पहले देहरादून की आबोहवा भी हुई जहरीली
देहरादून: उत्तराखंड के मैदानी इलाकों की आबोहवा भी जहरीली होती जा रही है. राजधानी देहरादून को सबसे बुरा हाल है. यहां नए साल से पहले सांसों को मुश्किल में डालता एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार परेशानी बढ़ा रहा है. स्थिति ये है कि दिसंबर में कई बार AQI (Air Quality Index) 300 के पार गया, जो की स्वास्थ्य के लिए हाथ से बेहद गंभीर कैटेगरी में माना गया है. नए साल से पहले लगातार वायु प्रदूषण की स्थिति खराब रिकॉर्ड की जा रही है, जो की सभी के लिए एक बड़ी चिंता बना हुआ है.
देहरादून में AQI चिंताजनक: दिल्ली के बाद अब उत्तराखंड की राजधानी देहरादून भी खराब वायु गुणवत्ता के संकट से जूझ रही है. स्वच्छ और शुद्ध आबोहवा के लिए पहचाने जाने वाले देहरादून में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार चिंताजनक स्तर पर दर्ज किया जा रहा है.
250 के पार पहुंचा देहरादून का AQI: बुधवार को देहरादून का AQI करीब 273 रिकॉर्ड किया गया, जबकि इससे पहले सोमवार रात को यह आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया था. यह स्थिति शहर को बेहद खराब श्रेणी में ले जा रही है, जो आम लोगों की सेहत के लिए गंभीर खतरे का संकेत है. बुधवार को खराब AQI के साथ PM 2.5-191 तो PM10- 253 रिकॉर्ड किया गया है.
लगातार खराब होती जा रही शहर की हवा: आमतौर पर देहरादून को साफ हवा और सुहावने मौसम के लिए जाना जाता है. हर साल नए साल से पहले यहां पर्यटकों की आवाजाही काफी बढ़ जाती है. खासतौर पर मसूरी जैसे हिल स्टेशन जाने वाले सैलानी देहरादून में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. लेकिन इस बार दिसंबर महीने में ही शहर की हवा लगातार खराब होती जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों की चिंता भी बढ़ गई है.
दिसंबर की शुरुआत में ही देहरादून का AQI 300 के पार चला गया था. इसके बाद कुछ दिनों तक हालात में हल्का सुधार जरूर देखने को मिला, लेकिन अब एक बार फिर AQI 200 के ऊपर पहुंच चुका है. कई बार यह आंकड़ा दोबारा 300 के करीब या उससे ऊपर दर्ज किया जा रहा है. इसके पीछे मौसमी परिस्थितियां एक बड़ी वजह हैं. इस समय वातावरण में स्थिरता बनी हुई है, जिससे हवा ऊपर की ओर नहीं जा पा रही और प्रदूषक तत्व शहर में ही जमा हो रहे हैं.
बारिश नहीं होने से बढ़ी समस्या: इसके अलावा लंबे समय से बारिश न होने के कारण हवा में मौजूद धूल और प्रदूषक कण जमीन पर बैठ नहीं पा रहे हैं, जिससे वायु प्रदूषण और अधिक बढ़ रहा है. इस मामले में मुख्य पर्यावरण अधिकारी पीसी जोशी का कहना है कि नए साल से पहले बढ़ती पर्यटक गतिविधियां भी प्रदूषण का बड़ा कारण बन रही हैं. खुले में कैंप फायर, खाना बनाने के लिए कोयला भट्टी और अलाव का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, जिससे हवा में धुआं और हानिकारक गैसें फैल रही हैं.
प्रशासन की ओर से लोगों को लगातार जागरूक करने के प्रयास किए जा रहे हैं. जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से यह समझाया जा रहा है कि रोजमर्रा की किन गतिविधियों से पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है और इसका भविष्य में स्वास्थ्य और प्रकृति पर कितना गंभीर असर पड़ सकता है. हालांकि, जब तक सामूहिक जिम्मेदारी नहीं समझी जाएगी, तब तक देहरादून की स्वच्छ हवा पर मंडराता यह खतरा बना रह सकता है.

