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बड़ी आफतों से निटपने की तैयारी, हॉस्पिटलों-स्कूलों में होगी मॉक ड्रिल, रिस्पांस टाइम कम करने पर जोर दिया जाएगा ज़ोर

By on July 13, 2025 0 98 Views

देहरादून: उत्तराखंड में इस साल भी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. मौसम विभाग ने 16 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया हुआ है. भारी बारिश के कारण प्रदेश में आपदा जैसे हालात बने होने की आशंका बनी रहती है, जिसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग अपनी तैयारी को दुरुस्त करने के लिए मॉक ड्रिल करने पर जोर दे रहा है.

बता दें कि 30 जून को प्रदेश के पांच जिलों में बाढ़ प्रबंधन को लेकर मॉक ड्रिल की गई थी. वहीं अब आपदा प्रबंधन विभाग अस्पतालों और स्कूलों में मॉक ड्रिल करने की तैयारी कर रहा है. इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य राहत बचाव दलों की सक्रियता को बढ़ाने और रिस्पांस टाइम कम करने का है.

आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि मानसूनी बारिश के बाद कई इलाकों में आपदा जैसे हालत बन जाते हैं. ऐसे में रेस्क्यू टीम को आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. उन मुश्किलों से किस तरह पार पाया जाए, कैसे कम से कम से समय में पीड़ितों के पास पहुंचा जाए, इस सबको लेकर लगातार मॉक ड्रिल की जा रही है.

आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार:

28 जुलाई को जिलों के पांच से सात अस्पतालों में भूकंप और अग्निकांड से संबंधित मॉकड्रिल की जाएगी.

·        इसके अलावा 20 अगस्त को प्रदेश की हर एक तहसील के एक स्कूल में स्कूल भवन का गिरना, जलभराव, भूकंप और अग्निकांड से संबंधित मॉक ड्रिल की जाएगी.

·        11 सितंबर को हर जिले में किसी एक बड़ी फैक्ट्री, मॉल, कॉम्प्लेक्स, अपार्टमेंट और स्टेडियम में अग्निकांड, भगदड़, जल भराव, केमिकल रिसाव से संबंधित मॉकड्रिल होगी.

·        इसके साथ ही 6 अक्टूबर को सभी जिलों में सीबीआरएनई आपदा (रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल, परमाणु सामग्री के उपयोग से जुड़ी एक आपदा) को लेकर मॉक ड्रिल किया जाना तय किया गया है.

इस साल भी करोड़ों रुपए के नुकसान की आशंका: आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि हर साल आपदा सीजन के दौरान हजारों करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य चीजों को नुकसान पहुंचता है. इस साल भी हजारों करोड़ रुपए के नुकसान होने की आशंका है. वर्तमान समय में प्रदेश के तमाम हिस्सों में बनी आपदा जैसी स्थिति से अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी तक सैकड़ों करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका होगा, लेकिन अभी तक विभागों की ओर से इसका पूरा आकलन नहीं किया जा सकता है.

पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) से मिली जानकारी के अनुसार भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से बाधित हुई सड़कों को खोलने में अब तक अनुमानित 40.51 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. हर साल मानसून सीजन से पहले आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से राज्य आपदा मोचक निधि (एसडीआरएफ) के मद और राज्य सेक्टर के बजट से करोड़ों रुपए जारी किए जाते हैं, जिसके तहत अभी तक राहत बचाव कार्यों और रेखीय विभागों को करीब 340.50 करोड़ रुपए जारी किया जा चुका है. इसमें राज्य आपदा मोचन निधि मद से सभी जिलों को, राहत एवं बचाव के लिए कुल 65 करोड़, पुनर्निर्माण के लिए कुल 52 करोड़, तैयारी एवं क्षमता विकास के लिए कुल 13 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.

इसके अलावा राज्य आपदा मोचन निधि मद से सभी जिलों को एक-एक करोड़ रुपए यानी कुल 13 करोड़ रुपए अतिरिक्त जारी किया गया है. इसके साथ ही राज्य सेक्टर से सभी जिलों के लिए राज्य आपदा न्यूनीकरण मद से कुल 13 करोड़ रुपए और अन्य मद से 19.50 करोड़ रुपए जारी किया गया है. यानी एसडीआरएफ के मद और राज्य सेक्टर के बजट से कुल 175.50 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं.

·        एसडीआरएफ मद से रेखीय विभागों को जारी किया गया 165 करोड़ रुपए

·        वन विभाग को राहत बचाव के लिए 15 करोड़ रुपए जारी किया गया है.

·        पीडब्ल्यूडी को पुनर्निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए जारी किया गया है.

·        पीएमजीएसवाई को पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपए जारी किया गया है.

·        विद्यालयी शिक्षा विभाग को पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपए जारी किया गया है.

·        जल संस्थान को पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपए जारी किया गया है.

·        पेयजल निगम को पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपए जारी किया गया है.

·        यूपीसीएल को पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपए जारी किया गया है.

राहत-बचाव और पुनर्निर्माण के लिए तमाम जिलों और विभागों को अभी तक 340 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं. मई महीने में जिलों को डिमांड के आधार पर पैसा दिया जाता है. कई बार जिलों से डिमांड नहीं आ पाती है, बावजूद इसके पैसा जारी कर दिया है, जिसके तहत जिलों में कुछ बजट मई महीने तो कुछ बजट जून में जारी हुआ.

विनोद कुमार सुमन, सचिव, आपदा प्रबंधन विभाग –