दिल्ली मे धामी का संवाद, प्रवासियों से की मुलाकात, कांग्रेस बोली आ रहा है चंपावत उपचुनाव याद…
देहरादून: उत्तराखंड के मुखिया पुष्कर सिंह धामी दिल्ली दौरे पर हैं सीएम धामी ने दिल्ली मे उत्तराखण्ड के प्रवासी नागरिकों के साथ संवाद किया। सीएम धामी ने कहा की हमने चुनाव से पहले जो वादे जनता से किए थे हम उन्हे पूरा करने की ओर अग्रसर हैं। और सभी वादे पूरे किए जाएंगे सीएम धामी ने बताया की जब उन्हे 2021 मे सीएम पद की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी तो महज 6 महीने मे उन्होने करीब 100 से ज़्यादा ऐसे निर्णय लिए जिसके चलते प्रदेशवासियों ने दोबारा बीजेपी को सत्ता सौंप दी। सीएम धामी ने संवाद मे कहा की सरकार ने उत्तराखंड राज्य के विकास के लिए सरकार पूरी पारदर्शिता से विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य किया और आगे भी कर रही है । सरलीकरण, समाधान व निस्तारीकरण पर अधिकारियों को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने कहा सरकार की प्राथमिकता समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचना है जो वादे हमने जनता से किए हैं वो सभी पूरे किए जाएंगे। चम्पावत उपचुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने वहां से चुनाव लडऩे का अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत राष्ट्रीय नेतृत्व के प्रति आभार जताया। इस अवसर पर चम्पावत के प्रवासियों ने क्षेत्र में प्रचार के लिए जाने की बात भी कही।
एक तरफ जहां बीजेपी इस संवाद की सराहना कर रही है वहीं कांग्रेस, सीएम धामी के उत्तराखण्ड के प्रवासी नागरिकों के साथ संवाद को चंपावत उपचुनाव से जोड़ रही है। कांग्रेस का कहना है की सीएम धामी का मेन मक़सद उपचुनाव के लिए वोटरों को साधना है। कांग्रेस ने चरधाम यात्रा पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा की सीएम धामी कुछ भी कर लें सीएम धामी चंपावत से चुनाव नहीं जीतेंगे नहीं क्योंकि उन्होने खटीमा के लिए भी कुछ कार्य नहीं किया इसलिए जनता ने नकारा और चंपावत मे भी नकारेगी। वहीं आम आदमी पार्टी का कहना है की सीएम धामी को प्रवासियों की कोई चिंता नहीं है वो प्रवासियों की चिंता के नाम पर सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं ।
आपको बता दें की सीएम धामी ने जनता की शिकायतों पर पिछले दिनों RTO दफ्तर मे छापा मारकर एक नजीर पेश की थी और साबित कर दिया था सबकी जुबान पर एक ही बात थी की सीएम धामी ने जो किया जनता के हित के लिए किया अब दिल्ली मे धामी, उत्तराखंड सरकार द्वारा किए गए कार्यों को उत्तराखण्ड के प्रवासी नागरिकों को बता रहे हैं तो विपक्ष इसे चंपावत उपचुनाव से जोड़कर देख रहा है।

