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लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन मे पीएम मोदी युवाओं से बोले – अपना संकल्प लिखकर ही एकेडमी छोड़े, पढ़िये पूरी खबर…
देहरादून: ‘आप जितना कंफर्ट जोन में जाने की सोचेंगे, उतना ही अपनी प्रगति और देश की प्रगति को रोकेंगे। आप एक भारत-श्रेष्ठ भारत को सशक्त करने वाली कड़ियां हैं। मुझे विश्वास है, आपका सेवा भाव, आपके व्यक्तित्व की विनम्रता, आपकी ईमानदारी, आने वाले वर्षों में आपकी एक अलग पहचान बनाएगी।’ यह सारी बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलबीएस अकादमी के 96वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन के अवसर पर युवाओं साथियों से कहीं। प्रधानमंत्री समारोह में वजुअल रूप से जुड़े। लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) के 96वें कॉमन फाउंडेशन कोर्स के समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज होली का त्योहार है और आप सभी को होली की बधाई। पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्षों में मैंने कई बैच के सिविल सर्विस के अधिकारियों से बात और मुलाकात की लेकिन आपका जो बैच है मेरी दृष्टि में बहुत स्पेशल है।
आप भारत की आजादी के 75वें वर्ष में इस अमृत महोत्सव के समय अपना काम शुरू कर रहे है। हम में से बहुत से लोग उस समय नहीं होंगे जब भारत अपनी आजादी के 100वें वर्ष में प्रवेश करेगा। लेकिन आपका बैच उस समय भी रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी हमेशा कहा करते थे कि अगर आपके निर्णय से समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति को लाभ होगा तो फिर आप उस निर्णय को लेने में संकोच मत करिएगा।
मैं इसमें एक बात और जोड़ना चाहता हूं, आप जो भी निर्णय करें जो भी व्यवस्था परिवर्तन करें तो पूरे भारत के संदर्भ में अवश्य सोचें, क्योंकि हम ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज को रिप्रेजेंट करते हैं। हमारे दिमाग में निर्णय भले लोकल होगा लेकिन सपना समग्र देश का होगा। आप अकेले नहीं हैं, 400 जिलों में आपकी ये सोच, आपका ये प्रयास, आपका ये कदम, आपकी पहल आधे हिंदुस्तान को प्रभावित कर सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया है कि आपकी एकेडमी में भी ट्रेनिंग का स्वरूप अब मिशन कर्मयोगी पर आधारित कर दिया गया। मुझे विश्वास है, इसका भी बहुत लाभ आप सभी को मिलेगा। पीएम ने कहा कि आप प्रार्थना कीजिए कि आपको कोई आसान काम न मिले आपको लगेगा यह कैसा प्रधानमंत्री है जो हमे ऐसी सलाह दे रहा है।
दरअसल आप हमेशा चैलेंजिंग जॉब का इंतजार कीजिए। क्योंकि उसका आनंद ही कुछ और होता है। आप सैकड़ों लोगों की शक्ति देश के अलग-अलग जिलों में एक साथ लगेगी। मालूम हो कि 96वें फाउंडेशन कोर्स में एलबीएस का पहला कॉमन फाउंडेशन कोर्स है, जो कर्मयोगी के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें नई शिक्षा, और पाठयक्रम पर आधारित है, इस बैच में 16 सेवाओं के 488 ओटी और तीन राँयल भूटान सर्विसेज ,प्रशासनिक ,पुलिस और वन के अधिकारी शामिल है ।
दुनिया की नजरें भारत पर टिकीं
देहरादून। मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के जिस मुकाम पर आज भारत है, पूरी दुनिया की नजरें आज हिन्दुस्तान पर टिकी हैं। बीते 75 वर्षों में हमने जिस गति से प्रगति की है, अब उससे कई गुना तेजी से आगे बढ़ने का समय है। आने वाले बरसों में आप जब जिले का प्रभार या किसी विभाग को संभाल रहे होंगे तो कई प्रोजेक्ट आपकी निगरानी में चल रहे होंगे। इन सारे कामों में आपको एक चीज का हमेशा ध्यान रखना है और वो है 21वीं सदी के भारत का सबसे बड़ा लक्ष्य।
फाइल में नहीं मिलेगा फील, फील्ड में जाना होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ महीने बाद आप लोग फील्ड में जाएंगे। अपने आगे के जीवन को अब आपको फाइलों और फील्ड का फर्क को समझना है। फाइलों में आपको असली फील नहीं मिलेगी बल्कि इसके लिए आपको फील्ड से जुड़े रहना होगा। मेरी ये बात जीवन भर याद रखिएगा कि फाइलों में जो आंकड़े होते हैं, वो सिर्फ नंबर्स नहीं होते। हर एक आंकड़ा, हर एक नंबर, एक जीवन होता है।
स्वच्छ भारत पर भी पीएम ने की बात
प्रधानमंत्री ने कहा कि सफाई कर्मचारी शहर को स्वच्छ रखने के लिए जी-जान से लगे रहते हैं। पीएम ने कहा कि उनके प्रयासों के साथ हर परिवार जुड़ जाए और गंदगी न होने देने का संकल्प लें तो यह जनआंदोलन बन जाएगा। जनभागीदारी जहां होती है वहां सकारात्मक परिणाम आते हैं।
विभागों के तालमेल का भी किया जिक्र
पीएम ने कहा कि हमारे यहां विभागों में तालमेल की कमी से परियोजनाएं बरसों-बरस अटकती रहती थीं। ये भी हमने देखा है कि आज सड़क बनी, तो कल टेलीफोन वाले आकर खोद गए, परसो नाली बनाने वालों ने खोद दिया। समन्वय नहीं होने से इस चैलेंज को ठीक करने के लिए हमने पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टरप्लान बनाया है। सभी सरकारी विभागों को, सभी राज्यों को, सभी स्थानीय निकायों को, हर स्टेट होल्ड को एडवांस में जानकारी हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।
अपना संकल्प लिखकर ही एकेडमी छोड़े
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब आप एकेडमी में आते हैं तो आप एक लंबा निबंध लिखिए कि इस फील्ड में आने के पीछे आपकी सोच क्या थी, सपना क्या था, संकल्प क्या था। निबंध को क्लाउड में रख दिया जाएगा और जब आप 25 साल और 50 साल पूरा करने के बाद जब आप यहां आएंगे और अपना लिखा निबंध पढ़ेंगे तो हिसाब लगाइए कि आप सचमुच में जिस काम के लिए चले थे, उसी दिशा में हैं या भटक गए हैं। हो सकता है आपके आज के विचार 20 साल के बाद आप ही के गुरु बन जाएंगे। अगर नहीं लिखा है तो निबंध जरूर लिखें।