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“गैरसैंण” पर हरदा का हथकंडा, “विकास” धामी का एजेंडा
देहरादून: उत्तराखंड बनने के बाद से है गैरसैण राजधानी के मुद्दे को हर पार्टी ने भुनाया है लेकिन भाजपा की सरकार ने 2020 मे गैरसैण को ग्रीष्म कालीन राजधानी घोषित किया और लगातार बीजेपी ने गैरसेण को चमकाने के लिए पूरी कोशिश की और अब बीजेपी सरकार यानि पुष्कर सिंह धामी ने बजट में भी गैरसैंण के अवस्थापना विकास के लिए बजट में 20 से 22 करोड़ रु का प्रावधान किया है … जिससे वहां पर विकास हो सके । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि आज भी गैरसैंण सरकार की प्राथमिकताओं में सर्वोपरि है जिसके लिए सरकार संजीदगी से काम कर रही है। लेकिन कांग्रेस गैरसैण को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है इसी क्रम मे गैरसैण की अनदेखी को लेकर आज हरीश रावत ने गैरसैण पहुँचकर सरकारी दफ्तर में सांकेतिक तालाबंदी की उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं, सरकार गैरसैंण को भूल गई, लेकिन जब तक वह जिंदा है, गैरसैंण के मुद्दें को मरने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन सत्र वहां नहीं कराया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है, संकल्प पारित होने के बाद तीसरा ग्रीष्मकाल है, लेकिन इस दौरान गैरसैंण को राजधानी बनाना तो छोड़िए, मुख्यमंत्री ने एक रात वहां बिताना भी मुनासिब नहीं समझा।
वहीं बीजेपी का मानना है की हरीश रावत का कांग्रेस मे कोई अस्तित्व नहीं बचा कांग्रेस मे हरक गुट से पीड़ित हरीश रावत पार्टी मे अपनी साख बचाने और सुर्खियां बटोरने के लिए नए नए हथकंडे अपना रहे हैं आपको बता दें की 2 दिन पहले ही हरक सिंह रावत के हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के अगले दिन ही हरीश रावत ने हरिद्वार पहुँचकर अपनी उपस्थिती दर्ज कराई थी हरक और प्रीतम की सक्रियता के बाद शायद हरीश रावत समझ चुके हैं की उन्हे जनता के समक्ष रहना होगा। वही बात बीजेपी भी कह रही है की हरीश रावत को उनके खुद के नेता नहीं पुछ रहे हरीश हाशिये पर खडे हैं बीजेपी का कहना है की उत्तराखंड मे कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं बचा और हरीश रावत को भी जनता समझ चुकी है। क्योंकि गैरसैण मे विकास के लिए धामी सरकार ने बजट में 20 से 22 करोड़ रु का प्रावधान रखा और फिर भी हरीश रावत ड्रामा करने गैरसैण पहुँच गए ।