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बड़े भाई साहब और दाज्यू का हुआ स्कूलों में मंचन………
रामनगर। प्रेमचंद की कहानी बड़े भाईसाहब व शेखर जोशी की कहानी दाज्यू का आज जी पी पी कन्या इंटर कालेज व मदर्स ग्लोरी पब्लिक स्कूल में मंचन किया गया।
रचनात्मक शिक्षक मण्डल उत्तराखण्ड की पहल पर सांस्कृतिक टीम उज्यावक दगड़ी(उजाले के साथी) द्वारा उपरोक्त नाटकों का मंचन किया गया। कार्यक्रम की की शुरआत ज्योति फर्त्याल,प्राची बंगारी,हिमानी बंगारी,आकांक्षा सुंदरियाल द्वारा प्रस्तुत गिरीश तिवारी गिर्दा के गीत उत्तराखण्ड मेरी मातृभूमि गीत से हुई।प्रेमचंद लिखित बड़े भाईसाहब कहानी भारतीय शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई को बड़े ही व्यंगात्मक तरीके से सामने रखती है।जहां बड़े भाईसाहब जो कि बड़े ही पढ़ाकू व संजीदगी से जीवन जीने वाले छात्र है पर लगातार फेल होते जाते हैं,जबकि छोटा भाई जो कि पढ़ाई को लेकर बेफिक्र है व खेलकूद में ज्यादा मस्त रहता है कक्षा में अव्वल आता है।उत्तराखंडी मूल के प्रसिद्ध लेखक शेखर जोशी द्वारा।लिखी कहानी दाज्यू एक ऐसे पहाड़ी बच्चे की कहानी जो दूर किसी बड़े शहर में एक ढाबे में नौकर होता है,वह वहां अपने इलाके के एक ग्राहक से दाज्यू (बड़े भाई) का भावनात्मक रिश्ता बना लेता है,पर कुछ समय पश्चात उस ग्राहक को दाज्यू सम्बोधत पसन्द नहीं आया।बच्चा इससे आहत हो उठता है।दोनों ही कहानियां बाल मनोविज्ञान को बहुत ही बेहतरीन तरीके से पाठकों के समक्ष रखती हैं।युवा नाट्यकर्मी ललित बिष्ट निर्देशित इन नाटकों में सुमित कुमार ने बड़े भाईसाहब,जतिन राजपूत छोटा भाई,रोहित खत्री ने सूत्रधार,अर्जुन नेगी ने नोकर,शीतल कश्यप,कशिश ने दोस्त,महक अंसारी ने दुकान मालिक का रोल अदा किया
इस दौरान शिक्षक मण्डल के राज्य संयोजक नवेन्दु मठपाल,मदर्स ग्लोरी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या मीना पांथरी, जी पी पी की प्रधानाचार्य सरिता आर्य,मेघा बिष्ट,पूनम बोरा,हंसी पांडे,रूपा सती,नम्रता, मंजू आर्या,मृणालिनी कुमार,अन्वेशा मेहरा,मृणाल पांडे,कंचन,निधि मौजूद रहे