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शिविरों तक आने में असमर्थ लाभार्थियों के घर पहुंचे अधिकारी, सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश

By on December 25, 2025 0 14 Views

देहरादून: उत्तराखंड में संचालित जन-जन की सरकार अभियान को लेकर सीएम धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. सीएम ने जन-जन की सरकार जन-जन के द्वार कार्यक्रम के तहत दिव्यांगों, बुजुर्गों, महिलाओं और कमजोर वर्ग के ऐसे लाभार्थी जो शिविरों तक नहीं आ सकते, उनके घर तक अधिकारी खुद पहुंचे. साथ ही मौके पर ही आवेदन भरवाएं और समस्याओं का समाधान करें. यही नहीं, सीएम धामी ने दो टूक कहा कि ये अभियान किसी भी स्थिति में औपचारिकता बनकर नहीं रहना चाहिए.

दरअसल, सीएम धामी ने बुधवार को सीएम आवास में जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार कार्यक्रम की समीक्षा किया. समीक्षा के दौरान सीएम ने कहा कि इस समीक्षा का उद्देश्य कार्यक्रम को और अधिक गति देना, उसे परिणाम-केंद्रित बनाना और जनता तक वास्तविक लाभ पहुंचाना है. सीएम ने स्पष्ट किया कि ये कार्यक्रम निरीक्षण का नहीं, बल्कि सेवा और समाधान का मंच है. ऐसे में शिविरों की सूचना पहले ही व्यापक स्तर पर दी जाए और इन्हें उत्सव के स्वरूप में आयोजित किया जाए. प्रदेश की स्थानीय भाषाओं, गढ़वाली, कुमाऊंनी और अन्य स्थानीय बोलियों में प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि जनता आसानी से जुड़ सकें.

उन्होंने कहा कि लोगों को आवेदन के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े और हर समस्या के समाधान के लिए समय सीमा भी तय हो. ये अभियान केवल समस्याएं सुनने तक सीमित न रहे, बल्कि समाधान की पूरी प्रक्रिया का हिस्सा बने. जहां समाधान तत्काल संभव हो, वहां मौके पर ही कार्रवाई की जाए. जहां समय लगे, वहां समय सीमा और उत्तरदायित्व तय कर लाभार्थी को जानकारी दी जाए. अगर किसी क्षेत्र से फीडबैक संतोषजनक न आए तो वहां पर फिर से शिविर लगाया जाएगा. साथ ही सीएम ने मुख्यमंत्री ने महिला मंगल दलों, स्वयं सहायता समूहों, युवक मंगल दलों और जनप्रतिनिधियों की सहभागिता के निर्देश दिए.

सीएम ने कहा कि बार-बार सामने आ रही समस्याओं की सूची बनाकर शासन के समक्ष रखी जाए. साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट अनिवार्य रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाए और धीमी गति से कार्य करने वाले विभागों को चिन्हित किया जाए.

सीएम ने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 56 हजार 550 से अधिक लोग प्रतिभाग कर चुके हैं. हाल ही में बिना पूर्व सूचना अल्मोड़ा के एक शिविर में पहुंचकर खुद सीएम ने जनता से फीडबैक लिया था. सीएम ने स्पष्ट किया कि वे आगे भी शिविरों का औचक निरीक्षण करेंगे, ताकि वास्तविक स्थिति सामने आ सके.

सीएम ने कहा कि जनप्रतिनिधि भी मैदान में सक्रिय भूमिका निभाए. मंच तक सीमित न रहकर स्टाल स्तर पर जाकर नागरिकों से बातचीत करें. विशेष रूप से बुजुर्गों, महिलाओं, दिव्यांगजनों और कमजोर वर्ग को आवेदन, दस्तावेज और पात्रता से जुड़ी प्रक्रियाओं में प्रत्यक्ष सहायता दी जाए. केवल समाधान, सहयोग और संवाद पर केंद्रित रहें. सीएम ने निर्देश दिए कि डीएम/सीडीओ बिना पूर्व सूचना के भी शिविरों में पहुंचें. बड़े न्याय पंचायतों में एक से अधिक कैंप और सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिविर लगाए जाएं. आधार कार्ड अपडेशन, आयुष्मान कार्ड निर्माण जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाए.