उत्तराखंड का रजतोत्सव वर्ष होगा बेहद खास, कई नीतियां लागू करेगी धामी सरकार, दर्ज होगा नया अध्याय
देहरादूनः उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के लिहाज से अगला एक साल बेहद खास रहने वाला है. साल 2024 में उत्तराखंड सरकार ने कई बड़े फैसले लिए, जो नजीर बने. साथ ही उत्तराखंड सरकार के कई बड़े निर्णय और फैसले ऐसे हैं जो इस रजत उत्सव वर्ष के दौरान धरातल पर उतरती दिखाई देंगी. मुख्य रूप से देखें तो उत्तराखंड सरकार का सबसे बड़ा निर्णय यूनिफॉर्म सिविल कोड साल के अंत या फिर नए साल पर लागू हो सकता है. इसके अलावा, उत्तराखंड राज्य महिला नीति राज्य स्थापना दिवस पर महिलाओं को समर्पित की जाएगी. उत्तराखंड सरकार पहली बार योग नीति बना रही है जो दिसंबर माह में आयोजित होने जा रहे विश्व आयुर्वेद सम्मेलन से पहले लागू हो सकती है. कुल मिलाकर उत्तराखंड राज्य का रजत जयंती वर्ष कई मायने में बेहद खास रहने वाला है.
9 नवंबर 2024 को उत्तराखंड राज्य 24 साल का हो रहा है. 25वें साल में कदम बढ़ाने जा रहे उत्तराखंड के लिए सरकार राज्य स्थापना दिवस को रजत उत्सव के रूप में मना रही है. हालांकि, राज्य स्थापना दिवस से संबंधित कार्यक्रम की शुरुआत 6 नवंबर को दिल्ली स्थित उत्तराखंड निवास के लोकार्पण से हो गई है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार, राज्य गठन के बाद से प्रदेश में किए गए तमाम विकास कार्यों और खासकर मुख्यमंत्री धामी के इन साढ़े तीन सालों में किए गए कामों को जन-जन तक पहुंचा रही है. इसमें वो काम और फैसले सबसे ज्यादा खास हैं जिसने देश-दुनिया का ध्यान उत्तराखंड की ओर आकर्षित किया है. साथ ही जो आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं.
यूनिफॉर्म सिविल कोड
उत्तराखंड राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू किए जाने की दिशा में साल 2024 बेहद खास रहा है. क्योंकि इसी साल के शुरुआत में यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने ड्राफ्ट राज्य सरकार को सौंपा था. इसके बाद विधानसभा बजट सत्र के दौरान यूसीसी विधेयक को सदन में पारित किया गया. साथ ही उत्तराखंड राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए राष्ट्रपति भवन भेजा गया.
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया. इसके साथ ही यूसीसी को लागू करने के लिए धामी सरकार ने रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी का गठन किया, कमेटी यूसीसी नियमावली तैयार कर राज्य सरकार को सौंप चुकी है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक या फिर नए साल पर उत्तराखंड वासियों को यूनिफॉर्म सिविल कोड की सौगात मिल सकती है. हालांकि, सीएम धामी ने 7 नवंबर 2024 को कहा है कि जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की तिथि का ऐलान किया जाएगा.
उत्तराखंड राज्य महिला नीति 2024
उत्तराखंड सरकार प्रदेश की पहली राज्य महिला नीति 2024 का ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है. हालांकि, महिलाओं से संबंधित पहले से ही तमाम नियम कानून हैं. बावजूद इसके उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग ने राज्य महिला आयोग की सहयोग से राज्य महिला नीति 2024 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. जिसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है. हालांकि, संभावना जताई जा रही है कि उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य महिला नीति प्रदेश की महिलाओं को समर्पित कर दिया जाएगा.
दरअसल, राज्य महिला नीति में बेटी के जन्म से लेकर महिला के मृत्यु तक के बीच होने वाली तमाम चुनौतियों और समस्याओं को ध्यान में रखते हुए तमाम प्रावधान किए गए हैं. हालांकि, इस महिला नीति को लेकर महिला सशक्तिकरण विभाग का दावा है कि इससे महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा.
योग नीति
उत्तराखंड स्थित ऋषिकेश को योग की जननी माना जाता है. इसके साथ ही योगनगरी ऋषिकेश को विश्व की योग राजधानी का दर्ज दिया गया है. ऐसे में जहां उत्तराखंड सरकार प्रदेश को आयुष हब के रूप में विकसित करना चाहती है तो सरकार योग पॉलिसी भी तैयार कर रही है. ताकि योग के जरिए न सिर्फ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके बल्कि योग केंद्रों को भी प्रदेश में बढ़ावा दिया जा सके. इसके लिए आयुष विभाग ने योग पॉलिसी तैयार की है. जिसका शासन स्तर पर परीक्षण चल रहा है. ऐसे में शासन स्तर से सहमति मिलने और वित्त विभाग की मंजूरी के बाद योग पॉलिसी को लागू कर दिया जाएगा.
योग नीति में योग, नेचुरोपैथी, अध्यात्म के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप होगा. इसके अलावा योग पॉलिसी आने के बाद प्रदेश में मौजूद सभी योग केंद्रों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि 12 से 15 दिसंबर तक देहरादून में आयोजित होने वाले विश्व आयुर्वेद सम्मेलन से पहले लागू कर दिया जाएगा.
सशक्त भू कानून
राज्य गठन के बाद से ही प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू किए जाने की मांग उठती रही है. इन 24 सालों के भीतर समय-समय पर तमाम सामाजिक संगठनों और राज्य आंदोलनकारी की ओर से सशक्त भू-कानून की मांग की जाती रही है. लेकिन अभी तक प्रदेश में सशक्त भू कानून लागू नहीं हो पाया है. जबकि प्रदेश में जो कानून लागू किया गया, उसमें समय-समय पर संशोधन जरूर किया जाता रहा है.
ऐसे में सीएम धामी ने साल 2018 में किए गए संशोधन को वापस लेने के साथ ही प्रदेश में एक सशक्त भू कानून लागू करने की बात कह चुके हैं. जिस पर विभागीय स्तर से भी कार्रवाई शुरू हो चुकी है. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सशक्त भू कानून को लेकर कई बार इस बात पर जोर दे चुके हैं कि साल 2025 में होने वाले विधानसभा बजट सत्र के दौरान उत्तराखंड वासियों को सशक्त भू कानून की सौगात दी जाएगी.
बाहरी व्यक्तियों के जमीन खरीदने पर अंतरिम रोक
साल 2024 के नए साल पर मुख्यमंत्री धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तराखंड में राज्य से बाहरी व्यक्तियों के कृषि एवं उद्यान के लिए जमीन खरीदने पर अंतरिम रोक लगा दी थी. साथ ही इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए थे कि राज्य के बाहरी व्यक्तियों को कृषि एवं उद्यान के उद्देश्य से जमीन खरीदने के प्रस्ताव को अनुमति नहीं देंगे. हालांकि, उस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि प्रदेशहित और जनहित में यह निर्णय लिया गया है.
दंगाइयों से नुकसान की वसूली का कानून
8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुए हिंसा के दौरान सरकारी और निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचा था. जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा फैसला लेते हुए ‘सरकारी और निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट’ को प्रदेश में लागू किया. जिसके तहत सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले असामाजिक तत्वों और उपद्रवियों से इसकी वसूली करने का प्रावधान किया गया है.
विद्युत उपभोक्ताओं को सब्सिडी की सौगात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जन्मदिन 16 सितंबर 2024 पर प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात दी थी जिसके तहत मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को 50 फीसदी सब्सिडी दी है. इसके साथ ही प्रदेश के उच्च हिमालय क्षेत्र पर रहने वाले लोगों को 200 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर 50 फीसदी सब्सिडी दी है.
जमीनों के दुरुपयोग पर लगाम का निर्णय
उत्तराखंड राज्य में बाहरी व्यक्तियों की ओर से खरीदी गई जमीनों का दुरुपयोग करने और भू कानून के नियमों को ताक पर रखकर खरीदी गई जमीनों को लेकर बड़ा फैसला लिया. जिसके तहत जिन लोगों ने भू कानून के नियमों को ताक पर रखकर 250 वर्ग मीटर से अधिक कृषि भूमि खरीदी है, उनकी संपत्तियों को राज्य सरकार में निहित करने का फैसला लिया. साथ ही जिन लोगों ने जिस उद्देश्य से कृषि भूमि को खरीदा था, अगर उस उद्देश्य से जमीनों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो उक्त भूमि को भी राज्य सरकार में निहित करने का निर्णय लिया. इसके तहत ऐसे लोगों की जांच की जा रही है.